अपनी बला दूसरे पर डाल रहा खनिज विभाग
कोरबा ! हसदेव नदी पर बने सर्वमंगला पुल के नीचे पिलर के पास से बड़े पैमाने पर रेत का अवैधानिक उत्खनन कर भंडारित करने के मामले में एक सप्ताह बीतने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है

0 एक सप्ताह से पड़ी रेत की ढेर चोरी का खतरा
0 वापस नदी में डालने उत्खननकर्ता की रूचि नहीं, कार्रवाई से परहेज
कोरबा ! हसदेव नदी पर बने सर्वमंगला पुल के नीचे पिलर के पास से बड़े पैमाने पर रेत का अवैधानिक उत्खनन कर भंडारित करने के मामले में एक सप्ताह बीतने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है और न ही उक्त रेत को वापस नदी में डालने का वादा निभाने उत्खननकर्ता की कोई रूचि दिख रही है। खनिज विभाग दूसरे मामलों की तरह इसमें संज्ञान लेता नजर नहीं आ रहा, वहीं अपने सिर की बला दूसरे पर डालने का ही काम अब तक होता आया है। ऐसे में रेत की चोरी की संभावना भी बनी हुई है।
उल्लेखनीय है कि एक सप्ताह पूर्व 10 अप्रैल की दोपहर बाद अज्ञात लोगों के द्वारा सर्वमंगला पुल के नीचे नदी से राजेन्द्र इन्फ्रास्ट्रक्चर कोरबा की जेसीबी, पोकलेन रेत निकालने एवं हाइवा क्रमांक सीजी 12 एस-3052, सीजी 12 एस 3053 व सीजी 12 एस 4392 रेत परिवहन के लिए यहां लगाने का कार्य किया गया था। हालांकि उत्खननकर्ता नदी से पिलर के पास खोदकर निकाले गये रेत को स्थानीय लोगों के द्वारा किये गये विरोध के कारण ले जाने में सफल नहीं हो सके तथा विरोध के बाद निकाले गये उक्त रेत को नदी में वापस डालने की बात उत्खननकर्ताओं द्वारा की गई थी, लेकिन एक सप्ताह गुजर जाने के बाद भी उक्त रेत को नदी में वापस नहीं डाले जाने से लावारिश पड़े रेत के ढेर पर चोरी का खतरा मंडराने लगा है। खनिज निरीक्षक आरके सोनी ने कहा था कि लोगों की सूचना उपरांत खनिज अधिकारी डा. डीके मिश्रा के निर्देश पर वे अमले के साथ सोमवार की देर शाम मौके पर गये थे, किन्तु तब तक उत्खननकर्ता वाहनों के साथ जा चुके थे। दूसरे दिन भी मुआयना किया गया, लेकिन किसी तरह की शिकायत और बयान के अभाव में कार्यवाही संभव नहीं हो सकी है। अखबार में छपे समाचार पर संज्ञान लेकर अग्रिम कार्यवाही की बात कही जा रही है। मामले में खनिज विभाग ने कोतवाली पुलिस सेतु निगम को आवश्यक कार्यवाही के लिए पत्र लिखा है वहीं सेतु निगम इसे एसईसीएल का मामला बता रहा है।
पत्र मिला है, जांच कराएंगे : जैन
सेतु निर्माण विभाग के आला अधिकारी एके जैन ने बताया कि सोमवार को उन्हें खनिज विभाग का पत्र मिला है। विभाग के ईई अभी विभागीय कार्य से रायपुर गये हैं जिनके लौटने के बाद परसों मौके पर जाकर मुआयना किया जाएगा कि रेत खनन से पुल को नुकसान हुआ है या नहीं? श्री जैन ने बताया कि वैसे तो यह पुल और उससे लगी सडक़ एसईसीएल की है और वही रख रखाव भी करता है। इस संबंध में मौका मुआयना बाद एसईसीएल को भी पत्र लिखा जाएगा कि उसके द्वारा आवश्यक कार्यवाही की जाए।
पूर्व में हो चुकी है ऐसी कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक लगभग 4 वर्ष पूर्व ढेंगुरनाला बाईपास मार्ग में पुल के नीचे से रेत का खनन लोगों के द्वारा किया जा रहा था जिसके संबंध में सेतु निर्माण विभाग ने खनिज विभाग को पत्र लिखा था। उस समय खनिज विभाग ने संबंधित अवैध उत्खननकर्ताओं के विरूद्ध संबंधित थाना में एफआईआर भी दर्ज कराया था। इसी तरह का मामला हसदेव नदी का भी है तो इस पर भी कार्यवाही खनिज विभाग को प्राथमिक तौर पर करनी चाहिए। हालांकि इस मामले में शुरू से विभागीय अधिकारी सीधे तौर पर कार्यवाही करने से परहेज कर रहे हैं और उनके हाथ भी कांप रहे हैं वरना और क्या कारण हो सकते हैं कि सिर्फ चि_ी ही लिखी जा रही है? वैसे भी वार्ड क्र. 1 और 4 की सीमा के मध्य आने वाले इस क्षेत्र के दोनों पार्षदों और वार्डवासियों की मांग है कि खोदी गई रेत को वापस नदी में डलवा दिया जाए, लेकिन इस ओर खनिज अमला ध्यान न देकर मामले को उलझाने में लगा है।


