बजट पर विपक्ष को छोड़ भाजपा विधायकों से रायशुमारी,नेता प्रतिपक्ष ने जताया एतराज
कोरबा ! मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने बजट पर विपक्ष को छोड़ अपनी ही पार्टी के विधायकों से रायशुमारी कर एक नई परम्परा शुरू की है

मीना खलखों मामले में कार्रवाई पर उठाए सवाल
सरकार का शराब बेचना अनुचित
नोटबंदी ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें
कोरबा ! मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने बजट पर विपक्ष को छोड़ अपनी ही पार्टी के विधायकों से रायशुमारी कर एक नई परम्परा शुरू की है जबकि ऐसे मामलों में मुख्यमंत्री को सभी विधायकों से चर्चा करनी चाहिए थी। मुख्यमंत्री की यह परम्परा उचित नहीं है।
जिले के तानाखार विधानसभा क्षेत्र के ग्राम जटगा में आयोजित जनवेदना कार्यक्रम में शामिल होने के बाद राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने महापौर निवास में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि जनवेदना में लोगों ने एक स्वर से इस बात की तस्दीक की कि 500 रूपये के जिन नोटों को कागज का टुकड़ा बता दिया गया, उसके एवज में 400 से लेकर 250 रूपये में अदला बदली कर लोगों ने सामान खरीदे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्य सरकार ने धान खरीदी से पहले हर किसान का उसके पट्टा अनुसार भूमि क्षेत्रफल के धान के अनुरूप पंजीयन किया और अब अंतिम दौर में बोरों की कमी होने के कारण धान का सत्यापन तहसीलदार से कराने का ऐलान कर दिया। आखिर कार्यालय में बैठा तहसीलदार कैसे धान की तस्दीक करेगा? अभी भी पहुंच से किसान धान बेचने जूझ रहे हैं। एक सवाल के जवाब में सिंचाई विभाग में एनीकट के लिए गेट आपूर्ति के ठेका में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। बजट के सवाल पर श्री सिंहदेव ने कहा कि अलग-अलग माध्यमों से सरकार से जानकारी ली जाएगी और उसकी कमियों को सामने लाएंगे। स्थगत प्रस्ताव लाकर चर्चा करेंगे, ध्यानाकर्षण के माध्यम से प्रश्न लगे हुए हैं। अशासकीय संकल्पों सहित अन्य माध्यमों से सरकार से सवाल करेंगे। मीना खलखो के मामले में कहा कि इतने दिनों में एक व्यक्ति पर नामजद एफआईआर होना और अन्य आरोपियों को बचाना पुलिस तंत्र पर सवाल उठाता है। सरकार द्वारा शराब दुकान चलाने के निर्णय को अनुचित बताते हुए कहा कि सरकार को तो व्यापार करना ही नहीं चाहिए। सरकार व्यापार में विफल रही है, यही सरकार भारत माता वाहिनी बनाकर नशामुक्ति पहल की बात की और अब पैसों के लिए शराब बेच रही है। विधानसभा सत्र के बाद मुख्यमंत्री द्वारा गांवों के दौरे पर कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय के समय जनता के बीच जाने की यह प्रक्रिया शुरू हुई थी जिसका अनुसरण करना अच्छी बात है लेकिन आज जनता गांवों में आने वाले शासन के प्रतिनिधियों के पास इसलिए जाना नहीं चाहती क्योंकि उनके समस्याओं का निराकरण 5 प्रतिशत भी नहीं होता। उद्योग प्रभावितों की जायज मागों पर उनके साथ काग्रेस के सदैव खड़े होने की बात कही। चर्चा के दौरान पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री डा.चरण दास महंत, विधायक जयङ्क्षसह अग्रवाल, कांग्रेस शहर अध्यक्ष राजकिशोर प्रसाद, महामंत्री सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल, महिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष सपना चौहान, एमआईसी सदस्य दिनशे सोनी, महेश अग्रवाल, मुन्ना साहू, फिरोज अहमद, सेवादल अध्यक्ष संतोष लांझेकर, कुसुम द्विवेदी भी उपस्थित थे।
80 से 85 प्रतिशत विधायकों का परफार्मेंस अच्छा
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी द्वारा दो-तीन लायक विधायक की टिप्पणी पर कहा कि विधायक चाहे सत्ता पक्ष के हो या विपक्ष के, 80-85 प्रतिशत विधायकों का परफार्मेंस अच्छा है। प्रजातंत्र में जनप्रतिनिधियों पर इतना ज्यादा दबाव रहता है कि उनके दुबारा जीतकर आना असंभव सा होता है। क्षेत्र में जैसा जनसंपर्क और जनअपेक्षाओं पर जैसा कार्य करते हैं, उस पर वापसी निर्भर रहती है। श्री जोगी द्वारा आज भी गांधी परिवार से निकटता के बयान पर कहा कि वे बहुत से परिवारों से जुड़े हैं, लेकिन रमन सिंह से कुछ ज्यादा ही।


