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बालिका वधु बनने से बचाई गई दो नाबालिग

कोरबा ! दरवाजे पर बारात आ चुकी थी और बेटी की शादी में मशगुल परिवार व रिश्तेदार टिकावन की रस्म के बाद पाणीग्रहण की तैयारी में लगे थे।

बालिका वधु बनने से बचाई गई दो नाबालिग
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कोरबा ! दरवाजे पर बारात आ चुकी थी और बेटी की शादी में मशगुल परिवार व रिश्तेदार टिकावन की रस्म के बाद पाणीग्रहण की तैयारी में लगे थे। इनमें हडक़ंप मच गई जब यहां पुलिस के साथ टीम ने दस्तक देकर लडक़ी के जन्म का प्रमाण मांगा। थोड़ी सी देर होती तो नाबालिग बालिका वधु बन जाती और उसके परिजन, पंडित, बाराती यहां तक की हलवाई भी अपराधी बना लिये जाते। महिला बाल विकास और चाईल्ड लाईन की टीम में दो नाबालिगों को बालिका वधु बनने से बचा लिया। दोनों बालिकाओं के परिवारों को समझाईश देकर इनसे शपथपत्र लिया गया है।
जानकारी के अनुसार चाईल्ड लाईन की टीम ने एक सूचना के आधार पर देर शाम उरगा थाना क्षेत्र के ग्राम कुदूरमाल में नहर रोड शिवमंदिर के पास निवासरत एक परिवार के विवाह स्थल पर जाकर जांच पड़ताल की। यहां रात लगभग 8 बजे जब उरगा पुलिस के साथ टीम पहुंची तो ग्राम दादर मानिकपुर से बारात आ चुकी थी और टिकावन की रस्म में वर-वधु बैठे थे। पुलिस को देख यहां हडक़ंप मच गई और विवाह की रस्म को रोका गया। महिला बाल विकास के अधिकारी विभूति पांडेय ने लडक़ी के परिजन से उसका जन्म प्रमाण पत्र अथवा दस्तावेज दिखाने के लिए कहा। परिजन लगभग आधा घंटा तक अनाकानी करते रहे जिस पर पुलिस ने फटकार लगाई। अंतत: लडक़ी की अंकसूची दिखाई गई जिसमें जन्मवर्ष 2000 होना पाया गया। इस आधार पर लडक़ी की उम्र 18 साल से कम होने पर विवाह रूकवाया गया। वर-वधु पक्ष को समझाईश देकर शपथ पत्र लिया गया। यहां महिला बाल विकास पर्यवेक्षक, रागिनी वैश्य, सुनीता वर्मा, कौशिल्या निर्मलकर, कर्मी प्रदीप कुमार साहू एवं चाईल्ड लाईन से संजय बरेठ, शशांक बर्मन ने कार्यवाही की।
इसी तरह कोतवाली थाना क्षेत्र के इमलीडुग्गू कुम्हार मोहल्ला में निवासरत एक परिवार के यहां लडक़ी की शादी की खुशियां मनाई जा रही थी। यहां पाली थाना क्षेत्र के ग्राम पोड़ी से शनिवार को अक्षय तृतीया पर बारात आनी थी और शुभ मुहूर्त में पाणीग्रहण होना था। इससे एक दिन पहले आज सूचना पर महिला बाल विकास विभाग व चाईल्ड लाईन की टीम ने विवाह स्थल पर पहुंचकर वधु पक्ष से लडक़ी के उम्र की जानकारी ली गई। दस्तावेजों की जांच में लडक़ी की उम्र उसके जन्मतिथि के आधार पर 17 वर्ष 4 महीना पाई गई। इस तरह बालिग होने के 8 माह पूर्व ही किये जा रहे विवाह को रूकवाया गया। बालिका के परिजनों से शपथपत्र लिया गया कि 18 वर्ष पूर्ण होने पर ही उसका विवाह किया जाएगा। यहां महिला बाल विकास से कोरबा शहरी परियोजना अधिकारी अतुल दांडेकर, पर्यवेक्षिका श्रीमती कीर्ति जैन व श्रीमती सरस्वती लहरे, चाईल्ड लाइन से शशांक बर्मन, नमिता लकरा व स्टाफ ने कार्यवाही की।
आधार कार्ड में बालिग, अंकसूची में नाबालिग
कुम्हार मोहल्ला में वधु बनने जा रही बालिका के जन्मतिथि का पता लगाने दस्तावेज मांगे गये तो उसका आधार कार्ड दिखाया गया जिसमें जन्मतिथि 5 जुलाई 1998 दर्ज है। इस तिथि के आधार पर लडक़ी की उम्र आज की तिथि में 18 साल 9 महीना 23 दिन पूरी हुई है। टीम ने आधार कार्ड के अतिरिक्त लडक़ी की अंकसूची दिखाने के लिए कहा। बहानेबाजी के बाद उसका पांचवी का मार्कशीट दिखाया गया जिसमें जन्मतिथि 1 जनवरी 2000 दर्ज है। इस आधार पर लडक़ी की उम्र आज की स्थिति में 17 वर्ष 3 माह 27 दिन होने से वह विवाह योग्य नहीं पाई गई।
शादी कार्ड में नहीं लिखवा रहे जन्मतिथि
बाल विवाह रोकने के लिए शासन द्वारा विवाह के निमंत्रण पत्र में वर-वधु के नाम के साथ उनकी जन्मतिथि भी अनिवार्य रूप से छपवाने के लिए कहा गया है। लेकिन किसी भी शादी कार्ड में किसी भी परिवार के द्वारा वर-वधु की जन्मतिथि अंकित नहीं कराई गई है। इस संबंध में निमंत्रण पत्र छापने वाले दुकानदारों ने भी अपनी सहमति तो दी है लेकिन व्यवहारिक दिक्कतों का हवाला देते हुए बताया कि जन्म तिथि प्रकाशन के विषय में किसी तरह का सर्कुलर शासन-प्रशासन से नहीं मिला है। इस वजह से वे किसी ग्राहक पर जन्मतिथि दर्ज कराने के दबाव नहीं डाल पा रहे हैं। यदि प्रशासन ऐसा कोई आदेश जारी करता है तो दुकानदारों को भी सहूलियत होगी।


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