कोलकाता रेप मर्डर केस - सीजेआई ने ममता सरकार पर खड़े किये कई सवाल
कोलकाता में 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल हॉस्पिटल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है

दिल्ली। कोलकाता में 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल हॉस्पिटल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है।
सुनवाई के दौरान ममता बनर्जी सर्कार पर कड़े सवाल करते हुए CJI ने कहा कि हमने स्वत: संज्ञान इसलिए लिया है क्योंकि रेप-हत्या के अलावा यह देशभर में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर भी है। हम सुरक्षा को लेकर सुनवाई करेंगे. हमें डॉक्टर्स, खासकर महिला डॉक्टर और युवा डॉक्टर्स की सुरक्षा को लेकर चिंता है. CJI ने कहा कि हम पीड़िता की पहचान उजागर होने को लेकर चिंतित हैं. पीड़िता की फोटो और पोस्टमार्टम के बाद उसकी बॉडी को दिखाना चिंताजनक है। हम पीड़िता की तस्वीरें और नाम सोशल मीडिया पर प्रसारित होने से बहुत चिंतित हैं।हर जगह पीड़िता की पहचान उजागर हुई। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए था। CJI ने पश्चिम बंगाल से पूछा- क्या प्रिंसिपल ने हत्या को आत्महत्या बताया? क्या पीड़िता के माता-पिता को सूचना देर से दी है? उन्हें मिलने नहीं दिया गया CJI ने कहा कि क्या हत्या के तहत FIR दर्ज हुई है? प्रिंसिपल क्या कर रहे थे? एफआईआर दर्ज कराने में देरी क्यों हुई? ये बेहद गंभीर मुद्दा है।
बता दें, कि 9 अगस्त की इस घटना से देशभर में एक दर्दनाक स्थिति बनी हुई है। साथ ही महिलाओं में एक डर का माहौल पैदा हो गया है।
ऐसे में हर नागरिक अपने परिवार, बहन, माँ हर किसी को सुरक्षित रखने के लिए एक बेहतर कानून की मांग चाहता है।
इसी बीच सीजेआई ने एक टास्क फोर्स तैयार की है, जिसे रिपोर्ट पेश करने के लिए 2 महीने का समय दिया गया है। जिसमे कुल 14 लोग सम्मिलित है 9 डॉक्टर्स और 5 पदेन सदस्य मेंबर्स है।


