Top
Begin typing your search above and press return to search.

केएमपी एक्सप्रेस वे प्रदूषण और यातायात में कटौती करेगा : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को हरियाणा में कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे के कुंडली-मानेसर खंड का उद्धघाटन किया

केएमपी एक्सप्रेस वे प्रदूषण और यातायात में कटौती करेगा : मोदी
X

गुरुग्राम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को हरियाणा में कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे के कुंडली-मानेसर खंड का उद्धघाटन किया और कहा कि यह राष्ट्रीय राजधानी में वाहनों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण में कमी लाने में मदद करेगा। 136.65 किलोमीटर लंबा यह छह लेन का एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजधानी से होकर उत्तर प्रदेश और राजस्थान की ओर जाने वाले वाहनों, विशेषकर भारी वाहनों को एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा, जिससे यातायात के प्रवाह को कम करने में मदद मिलेगी।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि एक्सप्रेसवे से यहां राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का और अधिक विकास होगा।

उन्होंने कहा कि 83 किलोमीटर लंबे कुंडली-मानेसर खंड का कार्य संशोधित समयसीमा से चार महीने पहले पूरा हो गया। 53 किलोमीटर लंबे पलवल-मानेसर खंड का उद्घाटन अप्रैल 2016 में हुआ था।

मोदी ने गुरुग्राम जिले के सुल्तानपुर गांव में लोगों को केएमपी एक्सप्रेस वे समर्पित किया। इसे पश्चिमी पेरीफेरेल एक्सप्रेस वे के नाम से जाना जाता है।

मोदी ने इस मौके पर एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, "हमारी सरकार ने देश में राजमार्गो व रेलवे में भारी विस्तार लाने का काम किया है ताकि अधिक विकास हो सके। प्रत्येक दिन 27 किलोमीटर राजमार्ग का निर्माण किया जा रहा है।"

पिछली सरकारों पर तंज कसते हुए मोदी ने कहा कि भाजपा सरकारें (राज्य और केंद्र में) काम पूरा करने के लिए दृढसंकल्पी हैं, जबकि पहले परिजोनाएं लटकी रहती थी।

मोदी ने कहा, "इस (केएमपी) एक्सप्रेस वे पर 12 साल से काम चल रहा था। ये एक्सप्रेसवे आपको 8-9 साल पहले ही मिल जाना चाहिए था। इसका प्रयोग नई दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों (2010) के दौरान होना चाहिए था। यह पहले की सरकारों के तौर-तरीकों को दिखाता है, जो विलंब को प्रोत्साहित और जनता के पैसों को बर्बाद करती थीं।"

उन्होंने कहा, "अगर इस एक्सप्रेस वे का काम समय पर पूरा हो जाता तो दिल्ली में यातायात की तस्वीर कुछ और ही होती। इस एक्सप्रेस वे के पूरे होने के साथ भारी वाहन दिल्ली में प्रवेश करने से बचेंगे। इससे दिल्ली में प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी। यह एक्सप्रेस वे अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, जीवन को आसान बनान और यात्रा करने में आसानी को गति देगा।"

एक्सप्रेस वे परियोजना पर कुल 6,400 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जिसके लिए 2,788 करोड़ की लागत से 3,846 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया। वहीं इसके निर्माण में 3,646 करोड़ रुपये की लागत आई है। परियोजना को लेकर विवाद और मुकदमेबाजी से इसकी समयसीमा में लगातार विस्तार होता रहा। इस परियोजना की शुरुआती लागत 1,915 करोड़ रुपये थी।

इस एक्सप्रेस वे को 19, फरवरी 2019 में पूरा किया जाना था लेकिन यह तय तिथि से चार महीने पहले ही पूरा हो गया। यह एक्सप्रेसवे हरियाणा के पांच जिलों -सोनीपत, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात और पलवल- से होकर गुजरता है।

यह एक्सप्रेसवे चार बड़े राष्ट्रीय राजमार्गो दिल्ली-अंबाला-अमृतसर, दिल्ली-आगरा-वाराणासी-दंकुनी, दिल्ली-जयपुर-अहमदाबाद-मुंबई और दिल्ली-हिसार-फाजिल्का-भारत-पाकिस्तान सीमा को जोड़ेगा।

हरियाणा सरकार ने केएमपी एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ 50 हजार हेक्टेयर से ज्यादा के इलाके में पांच नए शहर विकसित करने की योजना की घोषणा की है।

यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए आघात केंद्र और पुलिस गश्ती वाहन को तैनात किया गया है।

प्रवक्ता ने कहा कि दुर्घटनाओं या आपात स्थिति के मामले में तत्काल प्रतिक्रिया के लिए प्रत्येक 14 किलोमीटर के बाद एक एंबुलेंस और हेल्पलाइन नंबर के साथ एक रिकवरी वैन को तैनात किया गया है। एक्सप्रेसवे को ग्रीन कॉरिडोर के रूप में विकसित किया गया है।

प्रधानमंत्री ने बल्लभगढ़ मेट्रो का भी उद्धघाटन किया और पलवल में हरियाणा विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it