पतंग निर्माताओं ने जीएसटी के खिलाफ निर्माण बंद करने की दी चेतावनी
पतंग बनाने और बिक्री करने वाले प्रमुख राज्य गुजरात के पतंग निर्माताओं ने इस धंधे को जीएसटी के दायरे में लाने के विरोध में आगामी एक जुलाई से पतंग निर्माण का काम पूरी तरह बंद कर देने की चेतावनी दी है

अहमदाबाद। देश में पतंग बनाने और बिक्री करने वाले प्रमुख राज्य गुजरात के पतंग निर्माताओं ने इस धंधे को वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी के दायरे में लाने के विरोध में आगामी एक जुलाई से पतंग निर्माण का काम पूरी तरह बंद कर देने की चेतावनी दी है।
देश में पतंग निर्माण और बिक्री के कुल करीब 100 करोड़ के सालाना कारोबार के 40 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा रखने वाले गुजरात में पतंग कारोबारियों की प्रमुख संस्था गुजरात काइट मैन्युफैक्चरर्स एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव मुकेश छतरीवाला ने आज यह जानकारी देते हुए यूनीवार्ता को बताया कि अब तक पतंग बिक्री पर कोई सीधा कर नहीं था।
तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन में 2005 में भी इस धंधे को मूल्य वर्धित कर यानी वैट के दायरे से बाहर रखा गया था पर अब इस पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने से इससे जुड़े हजारों गरीब कारीगर तबाह हो जाएंगे।
पतंग के कागज पर 12 प्रतिशत जीएसटी देने से हमे कोई गुरेज नहीं है।
उन्होंने कहा कि उनके संगठन ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को इस संबंध में पहले ही पत्र लिखा था पर अब तक कोई हल नहीं निकला है।
अगर कुछ भी नहीं हुआ तो पतंग कारोबारी उत्पादन बंद कर देंगे।
इस मुद्दे पर कल अहमदाबाद में धरना प्रदर्शन की योजना है पर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के चलते अगर पुलिस अनुमति नहीं मिली तो इसे बाद में किया जाएगा पर जीएसटी नहीं हटाने पर उत्पादन बंद कर विरोध किया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि देश में पतंग निर्माण के अन्य केंद्र दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश हैं। गुजरात मेें पतंग निर्माण के प्रमुख केंद्र अहमदाबाद, खंभात, वडोदरा, नडियाद तथा सूरत हैं।
राज्य में पतंग के कारोबार का 80 प्रतिशत उत्तरायण पर्व के दौरान होता है।


