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जम्मू-कश्मीर का किश्तवाड़ उत्तर भारत का बिजली केंद्र बनने की ओर अग्रसर : मंत्री

केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का किश्तवाड़ चल रही बिजली परियोजनाओं के पूरा होने के बाद लगभग 6,000 मेगावाट बिजली पैदा करने वाला उत्तर भारत का प्रमुख "पावर हब" बनकर उभरने के लिए तैयार है

जम्मू-कश्मीर का किश्तवाड़ उत्तर भारत का बिजली केंद्र बनने की ओर अग्रसर : मंत्री
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नई दिल्ली। केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर का किश्तवाड़ चल रही बिजली परियोजनाओं के पूरा होने के बाद लगभग 6,000 मेगावाट बिजली पैदा करने वाला उत्तर भारत का प्रमुख "पावर हब" बनकर उभरने के लिए तैयार है।

सिंह किश्तवाड़ के पहाड़ी जिले के दूरदराज और परिधीय क्षेत्रों के व्यापक दौरे पर थे।उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान 9 से 10 वर्षों की छोटी अवधि में क्षेत्र में 6 से 7 प्रमुख जल विद्युत परियोजनाएं आई हैं।

उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी परियोजना 1,000 मेगावाट की क्षमता वाली पाकल दुल है। फिलहाल इसकी अनुमानित लागत 8,112.12 करोड़ रुपये है और प्रतियोगिता की अपेक्षित समयसीमा 2025 है।

एक अन्य प्रमुख परियोजना 624 मेगावाट की क्षमता वाली किरू जलविद्युत परियोजना है।

उन्होंने कहा, परियोजना की अनुमानित लागत 4,285.59 करोड़ रुपये है और इस मामले में समयसीमा भी 2025 है।

मंत्री ने आगे बताया कि साथ ही, 850 मेगावाट की रतले परियोजना को केंद्र और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बीच एक संयुक्त उद्यम के रूप में पुनर्जीवित किया गया है।

इसके अलावा, मौजूदा दुलहस्ती पावर स्टेशन की स्थापित क्षमता 390 मेगावाट है, जबकि दुलहस्ती जलविद्युत परियोजना की क्षमता 260 मेगावाट होगी।

सिंह ने कहा कि ये परियोजनाएं न केवल बिजली आपूर्ति की स्थिति को बढ़ाएंगी, जिससे केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में बिजली आपूर्ति की कमी पूरी होगी, बल्कि इन परियोजनाओं के निर्माण के लिए किए जा रहे भारी निवेश से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय लोग।

क्षेत्र में अन्य विकास परियोजनाओं के बारे में बात करते हुए सिंह ने कहा कि 2014 से पहले जम्मू से किश्तवाड़ तक सड़क यात्रा का समय 2014 में 7 घंटे से कम होकर अब 5 घंटे से भी कम हो गया है।

उन्होंने कहा, किश्तवार भारत के विमानन मानचित्र पर आ गया है और केंद्र की उड़ान योजना के तहत एक हवाई अड्डे को मंजूरी दी गई है, जिसकी किसी ने कभी कल्पना नहीं की थी।

जितेंद्र सिंह ने कहा, मोदी सरकार के दौरान खिलानी-सुद्धमहादेव राजमार्ग, डिग्री कॉलेजों की एक श्रृंखला, मचैल यात्रा के रास्ते में मोबाइल टावर और अन्य दूरदराज के इलाकों सहित तीन नए राष्ट्रीय राजमार्ग भी आए हैं।


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