किसान संगठन ने किया यूपीए का समर्थन
भारतीय किसान मजदूर संयुक्त यूनियन ने कहा कि जहां भाजपा की तुलना में यूपीए का उम्मीदवार कमजोर होगा, वहां ऐसे उम्मीदवार की मदद की जाएगी जो भाजपा को हराए

नई दिल्ली। भारतीय किसान मजदूर संयुक्त यूनियन ने कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी होने के बाद यूपीए का समर्थन करने का ऐलान किया है।
किसानों का कहना है, कि लंबी लड़ाई के बाद जो भूमि अधिग्रहण कानून बना था, उसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रोकने का काम किया है, इसीलिए किसान इस चुनाव में उनका विजयरथ रोकेंगे। किसानों ने तय किया है, जहां कांग्रेस चुनाव में नहीं होगी, वहां उसके सहयोगी की मदद की जाएगी।
यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता भूपेन्द्र रावत ने कहा, कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में गरीब परिवारों को 72 हजार रुपए देने का जो वादा किया गया है, उसका सीधा फायदा छोटे किसानों और खेत मजदूरों को होने वाला है।
उन्होंने मनरेगा के दिन बढ़ाए जाने का भी स्वागत किया। श्री रावत का कहना है, कि 2014 में भाजपा ने समर्थन मूल्य डेढ़ गुना करने का वादा किया था, पर सत्ता में आते ही अदालत में हलफनामा देकर इससे इनकार कर दिया, दूसरी तरफ किसानों को मिले भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन करने का प्रयास किया और वनाधिकार कानून से छेड़छाड़ की, जिससे वे अपने चहेते उद्योगपतियों को जमीन और जंगल मुफ्त में दे सकें।
इस समय गौवंश जिस तरह फसल का नुकसान कर रही हैं, उसका मुआवजा बीमा कंपनियां नहीं दे रही हैं। अब चुनाव के समय सरकार किसानों को 6 हजार रुपए सालाना का लालच देकर उनका वोट लेने की कोशिश कर रही है।
श्री रावत के अनुसार किसानों ने तय किया है, कि जहां भाजपा की तुलना में यूपीए का उम्मीदवार कमजोर होगा, वहां ऐसे उम्मीदवार की मदद की जाएगी, जो भाजपा को हराए।


