किसान मुक्ति यात्रा, मंदसौर में फिर टकराव की स्थिति
कर्ज माफी और लाभकारी मूल्य की मांग को लेकर मध्य प्रदेश के मंदसौर से निकलने वाली किसान मुक्ति यात्रा को लेकर एक बार फिर से टकराहट की स्थिति पैदा हो गई है

नई दिल्ली। कर्ज माफी और लाभकारी मूल्य की मांग को लेकर मध्य प्रदेश के मंदसौर से निकलने वाली किसान मुक्ति यात्रा को लेकर एक बार फिर से टकराहट की स्थिति पैदा हो गई है।
जिला प्रशासन ने यहां किसी भी तरह के कार्यक्रम की अनुमति देने से इनकार कर दिया है, दूसरी तरफ किसान संगठन कार्यक्रम करने की तैयारी कर चुके हैं। इसके लिए आज जंतर मंतर से गाडियों के एक जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है।
किसान मुक्ति यात्रा का आयोजन अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के तत्वावधान में किया जा रहा है, जिसमें देशभर के लगभग सभी बड़े किसान संगठन और समूह शामिल हैं।
तय कार्यक्रम के अनुसार यात्रा की शुरुआत मंदसौर में हुए गोलीचालान के एक माह बाद 6 जुलाई को घटनास्थल बही चौपाटी पर श्रृद्धांजलि सभा से होना है, जिसके बाद पीपल्या मंडी में शहीद किसानों की स्मृति में एक महापंचायत का आयोजन होना है, पर इससे पहले 5 जुलाई को शहीद किसानों को गांव में जाकर किसान नेता न सिर्फ शहीद परिवारों से मुलाकात करेंगे, बल्कि गांव की मिट्टी भी साथ लेकर आएंगे।
समिति के समन्वय समिति के सदस्य पूर्व विधायक डा सुनीलम ने देशबन्धु को बताया, कि पूर्व में प्रशासन का रुख सकारात्मक था, पर बाद में उन्होंने यहां धारा 144 लगाते हुए किसी भी प्रकार के कार्यक्रम को अनुमति देने से मना कर दिया। उनका कहना है, कि यह सरकार का तानाशाही पूर्ण रवैया है, डा सुनीलम यात्रा की तैयारी में पहले से ही मंदसौर में हैं, उनका कहना है, कि किसानों में सरकार के प्रति काफी नाराजगी है।
किसान सभा नेता जसविंदर सिंह ने साफ किया है, कि सरकार के तानाशाहीपूर्ण रवैये के बाद भी सभा तय स्थान पर ही होगी, अगर कोई तनाव की स्थिति बनती है, तो जिम्मेदारी सरकार की होगी।
समिति के दूसरे सदस्य योगेन्द्र यादव ने इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को एक पत्र भी लिखा है। इस श्रृद्धांजलि सभा में वे किसान भी आएंगे, जो पुलिस की गोली से घायल हुए थे।
6 जुलाई को होने वाले इस कार्यक्रम में सांसद राजू शैट्टी, पूर्व सांसद हन्नान मौल्ला, समिति के समन्वयक बीएम सिंह सहित समन्वय समिति के सभी सदस्य उपस्थित रहेंगे, माकपा नेता पूर्व सांसद सुभाषिणी अली भी मंदसौर पहुंच रही हैं।
हालांकि टकराहट यहीं तक नहीं है, यह यात्रा 3 दिन तक मध्य प्रदेश के मालवा में रहेगी, जिसमें एक दिन नर्मदा घाटी के डूब इलाके में भी किसान नेता जाएंगे। इस दौरान कई सभाएं होनी हैं।


