Top
Begin typing your search above and press return to search.

किरू जलविद्युत भ्रष्टाचार मामला : सीबीआई ने सत्यपाल मलिक के खिलाफ दाखिल किया आरोपपत्र

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने किरू पनबिजली परियोजना रिश्वत मामले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और पांच अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया

किरू जलविद्युत भ्रष्टाचार मामला : सीबीआई ने सत्यपाल मलिक के खिलाफ दाखिल किया आरोपपत्र
X

जम्मू। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को किरू पनबिजली परियोजना रिश्वत मामले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और पांच अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।

सीबीआई ने 2022 में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कहा था कि यह मामला 2019 में किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर (एचईपी) परियोजना के सिविल कार्यों के लगभग 2,200 करोड़ रुपए के ठेके को एक निजी कंपनी को देने में कथित गड़बड़ी से संबंधित है।

सीबीआई ने जांच के सिलसिले में साल 2024 में दिल्ली और जम्मू में आठ स्थानों पर तलाशी ली थी।

दिलचस्प बात यह है कि इस ठेके के आवंटन में रिश्वतखोरी की बात खुद मलिक ने उठाई थी, जब वह 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे।

सत्यपाल मलिक ने तब आरोप लगाया था कि उन्हें दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपए की रिश्वत की पेशकश की गई थी, जिनमें से एक किरू जलविद्युत परियोजना से संबंधित थी, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।

1949 में स्थापित प्रमुख बुनियादी ढांचा और निर्माण कंपनी पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को सिविल कार्यों का ठेका दिए जाने पर सवाल उठाया गया है।

सीबीआई ने पटेल इंजीनियरिंग के साथ-साथ चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (सीवीपीपीपीएल) के अध्यक्ष, एमडी और निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया।

प्राथमिकी में कहा गया कि जम्मू-कश्मीर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और बिजली विभाग द्वारा जांच की गई थी और पाया गया कि परियोजना में सिविल कार्यों के आवंटन में ई-टेंडरिंग के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया था।

इसके अलावा, जलविद्युत परियोजना के खिलाफ घटिया काम और स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में विफलता के आरोप भी लगाए गए।

किरू जलविद्युत परियोजना जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले की किश्तवाड़ तहसील में चिनाब नदी पर विकसित की जा रही एक रन-ऑफ-द-रिवर परियोजना है। यह परियोजना किर्थई-।। (अपस्ट्रीम) और क्वार (डाउनस्ट्रीम) जलविद्युत संयंत्रों के बीच बनाई जा रही है।

इस परियोजना का विकास चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स द्वारा किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय जलविद्युत ऊर्जा निगम (एनएचपीसी, 49 प्रतिशत), जम्मू और कश्मीर राज्य विद्युत विकास निगम (जेकेएसपीडीसी, 49 प्रतिशत) और पावर ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन (पीटीसी, 2 प्रतिशत) के बीच एक संयुक्त उद्यम है।

इसका निर्माण 624 मेगावाट की स्थापित क्षमता के लिए 4,287 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से किया जा रहा है। इसे 2008 में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा स्कोपिंग क्लीयरेंस प्रदान किया गया था।

पर्यावरण मंजूरी 2016 में जारी की गई और परियोजना को 2019 में राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) से अनुमोदन प्राप्त हुआ। जलविद्युत संयंत्र की आधारशिला 2019 में रखी गई थी, जबकि वाणिज्यिक परिचालन शुरू करने की समय सीमा जुलाई 2025 है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it