किरण बेदी ने वापस लिया विवादित आदेश
पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी का एक और विवादित आदेश चर्चा का विषय बन गया है जिस पर विपक्ष ने किरण बेदी को घेर लिया है।

नई दिल्ली। पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी का एक और विवादित आदेश चर्चा का विषय बन गया है जिस पर विपक्ष ने किरण बेदी को घेर लिया है। विपक्ष का कहना है कि 'बिना सफाई, राशन नहीं' का निर्देश गलत है। इस हंगामे के बाद आखिरकार उन्हें झुकना पड़ा और उन्होंने अपना आदेश वापस ले लिया।
पीएम मोदी स्वच्छता का नारा लगाते हैं और कहते हैं हमारा सपना देश को स्वच्छ देखना है। शायद इसी सपने को पूरा करने की चाहत में पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ऐसा आदेश दे बैठी, जिसपर वाहावाही की जगह उनकी किरकिरी हो गई।
दरअसल ,उन्होंने फरमान सुनाया था कि परिवारों को तब तक मुफ्त राशन नहीं मिलेगा जब तक गांव खुले में शौच से मुक्त और साफ नहीं हो जाएंगे। बेदी ने कहा कि पुडुचेरी के गांवों में साफ सफाई की हालत ज्यादा खराब है और जहां खुले में शौच और कूड़ा पाया गया, वहां मुफ्त राशन वितरण नहीं होगा।
किरण बेदी का ये आदेश जनता के साथ-साथ विपक्ष के गले भी नहीं उतरा...इसीलिए उन्होंने बेदी की आलोचना शुरु कर दी। कांग्रेस पार्टी ने उपराज्यपाल के इस फैसले को तानाशाही बताया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस पर जवाब मांगा। वहीं अन्नाद्रमुक ने भी बेदी के इस फैसले का कड़ा विरोध किया। भारी विरोध के बाद आखिरकार किरण बेदी को अपना विवादित आदेश वापस लेना पड़ा।
आपको बता दें कि मुफ्त चावल योजना के तहत, गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों को हर महीने 20 किलो चावल दिया जाता है और गरीबी रेखा से ऊपर यानी पीले कार्डधारकों को 10 किलो मुफ्त चावल दिया जाता है।


