जम्मू-कश्मीर में जनकल्याण के कार्यक्रमों को हत्याएं रोक नहीं पाएंगी : मुख्य सचिव
जम्मू एवं कश्मीर में लोगों तक पहुंच बनाने के सरकारी कार्यक्रम 'बैक टू विलेज' के दौरान कुछ स्थानों पर हुए हमलों और हत्याओं पर राज्य के मुख्य सचिव ने पीड़ा व्यक्त करते हुए इसे दुभाग्यपूर्ण करार दिया

श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर में लोगों तक पहुंच बनाने के सरकारी कार्यक्रम 'बैक टू विलेज' के दौरान कुछ स्थानों पर हुए हमलों और हत्याओं पर राज्य के मुख्य सचिव ने पीड़ा व्यक्त करते हुए इसे दुभाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कृत्यों से सरकार को कल्याणकारी कार्यक्रम चलाने से नहीं रोका जा सकता। 26 नवंबर को पंचायत हलके हकुरा ए एवं बी में आतंकवादियों द्वारा एक ग्रेनेड फेंका गया, जिसके बाद अंधाधुंध गोलीबारी हुई जिसमें सैयद मोहम्मद रफी (सरपंच), शेख जहूर अहमद (जूनियर कृषि विस्तार अधिकारी), मंजूर अहमद पर्ो (सिंचाई विभाग के कर्मचारी) और पीर नूरुद्दीन शाह (ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारी) घायल हुए। बाद में उनमें से दो ने जिला अस्पताल अनंतनाग में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
पुलिस ने घटना पर एक मामला दर्ज किया और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है।
हत्याओं को दुभाग्र्यपूर्ण, भीषण और अमानवीय बताते हुए मुख्य सचिव बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने कहा, "कार्यक्रम 'बैक टू विलेज' के दौरान इस तरह की कायरतापूर्ण हरकतें सरकार को कल्याणकारी कार्यक्रम चलाने से नहीं रोक सकती हैं। सरकार विभिन्न विशेष पहलों के माध्यम से लोगों तक कल्याणकारी योजनाओं को पहुंचा कर रहेगी।"
मुख्य सचिव ने कहा कि लोगों के कल्याण में लगे निर्दोष व्यक्तियों पर हमला एक क्रूर कृत्य है जिसकी निंदा करना ही पर्याप्त नहीं है। ऐसी घटनाएं केंद्रशासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर में विकास की गति को तेज करने के सरकार के संकल्प को मजबूत ही करेंगी।
शोक संतप्त परिवारों के साथ एकजुटता दिखाने और हत्याओं पर दुख व्यक्त करने के लिए गुरुवार को जम्मू के सिविल सचिवालय में एक शोकसभा का आयोजन किया गया।
जम्मू एवं कश्मीर में 'बैक टू विलेज' कार्यक्रम का दूसरा चरण 25 नवंबर से 29 नवंबर तक के लिए लॉन्च किया गया है।


