जाट आंदोलन से निपटने के लिए तैयार खट्टर सरकार
हरियाणा सरकार और पुलिस, जाट समुदाय एक गुट द्वारा जाट आरक्षण आंदोलन फिर से शुरू करने की घोषणा के बाद किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है। गत साल जाट आरक्षण आन्दोलन के दौरान 30 लोगों की मौत हुई
हरियाणा सरकार और पुलिस, जाट समुदाय एक गुट द्वारा जाट आरक्षण आंदोलन फिर से शुरू करने की घोषणा के बाद किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है। गत साल जाट आरक्षण आन्दोलन के दौरान 30 लोगों की मौत हुई थी।
हरियाणा सरकार के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि कुछ जाट नेताओं पर पैनी नजर रखी जा रही है, खासतौर से उन पर जो यशपाल मलिक के नेतृत्व वाली अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) से ताल्लुक रखते हैं।
एआईजेएएसएस ने 29 जनवरी से जाट आरक्षण आंदोलन शुरू करने का आह्वान किया है।हरियाणा के पुलिस महानिदेशक के. पी. सिंह ने कहा कि
अगर कोई व्यक्ति अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सिंह ने कहा, "पुलिसकर्मियों की कोई कमी नहीं है। सभी जिलों में तैनात किए जा रहे पर्याप्त पुलिसकर्मियों के अलावा 26 जनवरी से हरियाणा पुलिस के साथ 7000 होमगार्ड के जवान भी तैनात किए जाएंगे। लोगों के सहयोग और पुलिस अधिकारियों के ठोस प्रयास के साथ अतिरिक्त बल की जरूरत नहीं होगी।"
गत साल फरवरी महीने में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान 30 लोगों की मौत हुई थी और करीब 200 लोग घायल हुए थे।
सैकड़ों करोड़ रुपये मूल्य की सरकारी और निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाई गई थी, इन्हें फूंक दिया गया था। व्यापारिक परिसर लूटे गए थे। आंदोलन से सर्वाधिक प्रभावित दस जिलों में वाहनों में सवार लोगों को भी नहीं बख्शा गया था। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने शनिवार को कहा कि
किसी प्रकार के आंदोलन में भाग लेने से लोगों को दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति से निपटेगी।
खट्टर ने कहा, "जाट आरक्षण के मुद्दे का राजनीतिकरण कर यशपाल मलिक प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से भला नहीं कर रहे हैं। मलिक को जाट आरक्षण के मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "लोगों को शांति बनाए रखना चाहिए और किसी प्रकार के आंदोलन में भाग नहीं लेना चाहिए जो राजनीतिक रूप से प्रेरित हो। जहां तक जाट आरक्षण का सवाल है तो हरियाणा सरकार ने एक कानून बनाया है और मामला अदालत में लंबित है।"
गत साल जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान रोहतक, पानीपत, सोनीपत, झज्जर, जिंद, हिसार और कुछ अन्य जिले सर्वाधिक प्रभावित हुए थे।


