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खट्टर सरकार निजी कंपनियों की मार्फत से भर्ती करने की योजना बना रही: दुष्यंत चौटाला

हरियाणा में हिसार से इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) सांसद दुष्यंत चौटाला ने आज आरोप लगाया कि मनोहर लाल खट्टर सरकार ने स्कूलों में कर्मचारियों की नियमित भर्ती के स्थान पर अब निजी कंपनियों की मार्फत से

खट्टर सरकार निजी कंपनियों की मार्फत से भर्ती करने की योजना बना रही: दुष्यंत चौटाला
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चंडीगढ़। हरियाणा में हिसार से इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) सांसद दुष्यंत चौटाला ने आज आरोप लगाया कि मनोहर लाल खट्टर सरकार ने स्कूलों में कर्मचारियों की नियमित भर्ती के स्थान पर अब निजी कंपनियों की मार्फत से भर्ती करने की योजना बनाई है।

इनेलो संसदीय दल के नेता ने यह आरोप इनेलो के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में लगाया। उन्होंने कहा कि एक कंपनी की तरफ से प्राथमिक स्कूल में जेबीटी शिक्षकों की रिक्त पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया है।

इनेलो सांसद ने यह भी कहा कि सरकार के इस निर्णय का असर प्राथमिक, उच्च, सेकंडरी विद्यालयों के अलावा आरोही व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों पर भी पड़ेगा। उनके अनुसार जन और शिक्षा विरोधी यह निर्णय मुख्यमंत्री खट्टर ने खुद लिया है और इस फैसले पर स्वयं भी मोहर लगाई जा चुकी है।

चौटाला ने आरोप लगाया कि शिक्षा के निजीकरण की दिशा में उठाए गए सरकार के इस कदम के प्रथम चरण में इन विद्यालयों में ग्रुप सी व डी कर्मचारियों की भर्ती का जिम्मा निजी कंपनियों को दिया जा रहा है।

इनेलो सांसद ने कहा कि इस प्रकार शिक्षा विभाग में भर्ती करने के लिए चुनी गई कंपनियों के साथ 7 वर्ष का अनुबंध किया गया है। इस अनुबंध के तहत कंपनियों को कर्मचारी भर्ती करने का अधिकार होगा और इसके बदले में कंपनियों को 2.01 प्रतिशत कमीशन मिलेगा। निजी कंपनियों के माध्यम से भर्ती होने वाले कर्मचारियों को एकमुश्त वेतन दिया जाएगा।

सांसद ने कहा कि ये कंपनियां जल्द ही प्राथमिक स्कूलों में खाली पड़े तीन हजार पदों पर भर्ती करने जा रही हैं।

इनेलो सांसद ने यह भी कहा कि सरकार के इस प्रकार के जनविरोधी निर्णय से न केवल रोजगार पाने के समानता के अधिकारों का हनन हुआ है बल्कि आरक्षण के प्रावधानों की भी अनदेखी की गई है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा गुजरात के मॉडल पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की अपनाई जा रही इस आउटसोर्सिंग की नीति से हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन व रोजगार कार्यालय जैसी संवैधानिक संस्थाओं का अस्तित्व भी खतरे में पड़ गया है।
चौटाला ने सवाल किया कि प्रदेश में ग्रुप सी व डी की भर्ती के लिए विभिन्न विभागों के लिए हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन है तो फिर इन फर्मों को करोड़ों रूपये का कमीशन देने का क्या औचित्य है? उन्होंने मांग की कि सरकार शिक्षा विभाग में निजीकरण के इस फैसले तुरंत वापस ले अन्यथा इनेलो को मजबूर होकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।

चौटाला ने मुख्यमंत्री की ‘महत्वकांक्षी सक्षम योजना’ की पोल खोलने का दावा करते हुए कहा कि सूचना अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार 12 जिलों में कुल 2,62,768 युवाओं का पंजीकरण रोजगार कार्यालयों में है जिनमें से केवल 290 युवाओं को रोजगार मिल पाया है। यह संख्या दर्ज की गई संख्या का महज .1 प्रतिशत है जो उसकी असफलता स्वयं बयान करता है। उन्होंने कहा कि वहीं बेरोजगारों को 100 घंटे रोजगार देने के नाम पर चलाई गई सक्षम योजना के तहत मात्र 9,948 युवकों को ही रोजगार मिल पाया है जो दर्ज संख्या का महज तीन प्रतिशत ही है। उन्होंने कहा कि इनेलो युवाओं व बेरोजगारों के हकों के लिए ‘रोजगार मेरा अधिकार’ मुहिम चलाएगा।


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