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सीबीआई निदेशक को हटाने के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय पहुंचे खड़गे

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीवीसी और कार्मिक मंत्रालय द्वारा 23 अक्टूबर को सीबीआई निदेशक की शक्तियां छीनने के 2अलग-अलग आदेशों को निरस्त करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की है

सीबीआई निदेशक को हटाने के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय पहुंचे खड़गे
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नई दिल्ली। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को केंद्रीय सतर्कता आयोग(सीवीसी) और कार्मिक मंत्रालय द्वारा 23 अक्टूबर को सीबीआई निदेशक की शक्तियां छीनने के दो अलग-अलग आदेशों को निरस्त करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की है। उन्होंने कहा कि यह कदम 'पूरी तरह अवैध, मनमाना और अधिकार क्षेत्र से बाहर' का है।

खड़गे ने अपनी याचिका में कहा है कि यह आदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधान न्यायाधीश और विपक्ष के नेता वाली तीन सदस्यीय वैधानिक समिति की शक्तियों का उल्लंघन है। यह समिति दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (डीएसपीई) अधिनियम 1946 की धारा 4ए के तहत बनाई गई थी।

समिति में शामिल खड़गे ने कहा कि डीएसपीई अधिनियम के अंतर्गत यह प्रावधान है कि सीबीआई निदेशक की समिति की अनुशंसा पर नियुक्ति होगी और तबादला भी इसी समिति की सहमति से ही होगा।

खड़गे ने कहा, "सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है, जिसमें केंद्र के आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया गया है, क्योंकि यह अवैध है..उन्हें प्रधानमंत्री, प्रधान न्यायाधीश और मेरी बैठक बुलानी चाहिए थी। बिना किसी बैठक के, बिना समिति की सहमति के, उन्होंने रातोंरात सीबीआई निदेशक को अनिश्चितकाल के लिए छुट्टी पर भेज दिया।"

खड़गे ने कहा कि यह आदेश सीबीआई अधिनियम का उल्लंघन था। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सीवीसी ने भी वर्मा को छुट्टी पर जाने के लिए कहकर नियमों का उल्लंघन किया है।

उन्होंने कहा, "उल्लंघन हुआ है और यह स्पष्ट है कि इस स्वायत्त संस्थान में प्रधानमंत्री कार्यालय की स्पष्ट दखलअंदाजी है। इसलिए मैंने चुनौती दी है और सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दाखिल की है। देखते हैं, क्या होता है।"


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