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खादी का कारोबार अगले पांच साल में दो लाख करोड़ रुपए

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु, एवं मध्यम उद्योग मंत्री नीतिन गडकरी ने खादी एवं ग्रामोद्योग का कारोबार अगले पांच साल में दो लाख करोड़ रुपए करने का आह्वान किया

खादी का कारोबार अगले पांच साल में दो लाख करोड़ रुपए
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नयी दिल्ली। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु, एवं मध्यम उद्योग मंत्री नीतिन गडकरी ने खादी एवं ग्रामोद्योग का कारोबार अगले पांच साल में दो लाख करोड़ रुपए करने का आह्वान करते हुए आज कहा कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा और आतंकवाद, उग्रवाद तथा नक्सलवाद के अलावा शहरों की ओर लोगों का पलायन रोका जा सकेगा।

गडकरी ने यहां खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के कार्यक्रम ‘एक रुमाल हजारों धागे’ को संबोधित करते हुए कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग का मौजूदा कारोबार 75 हजार करोड़ रुपए का है। इसे अगले वर्ष के अंत तक एक लाख करोड़ रुपए तक पहुंचाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की योजना खादी और ग्रामोद्योग के कारोबार को अगले पांच साल में दो लाख करोड़ रुपए तक पहुंचाने की योजना बनाई है।

उन्होंने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का प्रयास कर रही है। इसके लिए विभिन्न स्तरों पर कई योजनायें चलायी जा रही है। खादी एवं ग्रामोद्योग के माध्यम से गरीबों और वंचितों को सशक्त किया जा रहा है। उन्हाेंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यस्था मजबूत करने के ऐसे कार्यक्रमों के जरिए आतंकवाद, नक्सलवाद, उग्रवाद और पलायन जैसी समस्याओं से निपटा जा सकता है।

गडकरी ने कहा कि ‘एक रुमाल हजारों धागें’ कार्यक्रम से लाखों ग्रामीण परिवारों का जीवन जुड़ा है। जम्मू कश्मीर के नगरोता में आतंकवाद से प्रभावित महिलायें ये रुमाल बना रही है। ये रुमाल गुणवत्ता में बेहतर है और बाजार में उपलब्ध अन्य रुमालों से सस्ते हैं। प्रत्येक रुमाल की कीमत 50 रुपए हैं और इनमें दो रुपए महिला कारीगर को मिलते हैं। ये रूमाल हाथ से बने धागे और कपड़े से निर्मित किये जाते हैं। केंद्रीय मंत्री ने महिला कारीगरों को तीन रुपए प्रति रुमाल देने की घोषणा भी की।

खादी एवं ग्रामोद्योग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि पांच करोड़ रुमाल बेचने का लक्ष्य तय किया गया है। इनमें तकरीबन 25 लाख मीटर कपड़ा लगेगा और कुल प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से 40 लाख मानव कार्यदिवासों का सृजन होगा। उन्होंने कहा कि पांच करोड़ रुमालों को बनाने में कुल 88 करोड़ रुपए की मजदूरी दी जाएगी। इनमें 25 लाख किलोग्राम कपास की खपत होगी।

इस अवसर पर ऑनलाइन भुगतान कंपनी पेटीएम के साथ एक करार भी किया गया जिसके तहत पेटीएम दो करोड़ रुमाल की बिक्री करेगी।



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