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ओली के बयान पर भड़के केशव, कहा नेपाल भी भारत का हिस्सा रहा है

नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली के भगवान राम पर दिये गये बयान को लेकर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या भड़क गए हैं।

ओली के बयान पर भड़के केशव, कहा नेपाल भी भारत का हिस्सा रहा है
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लखनऊ | नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली के भगवान राम पर दिये गये बयान को लेकर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या भड़क गए हैं। उन्होंने ओली पर निशाना साधा और कहा कि शर्मा 'ओली' का अमर्यादित बयान उनके मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है। नेपाल भी पहले आर्यावर्त (भारत) का हिस्सा रहा है। केशव प्रसाद मौर्या ने मंगलवार को ट्वीटर के माध्यम से लिखा, "मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जी की जन्मस्थली को लेकर नेपाल के कम्युनिस्ट प्रधानमंत्री श्री के.पी.शर्मा 'ओली' जी का अमर्यादित बयान उनके मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है। जाको प्रभु दारुण दुख दीन्हा । ताके मति पहिले हर लीन्हा। जय श्री राम अयोध्या राममंदिर अयोध्या। ओली जी को मालूम होना चाहिए कि नेपाल भी पूर्व में आर्यावर्त (भारत) का हिस्सा रहा है।"

ज्ञात हो कि काठमांडु में पीएम आवास में सोमवार को आयोजित एक कार्यक्रम में ओली ने कहा, अयोध्या असल में नेपाल के बीरभूमि जिले के पश्चिम में स्थित थोरी शहर में है। भारत दावा करता है कि भगवान राम का जन्म वहां हुआ था। उसके इसी लगातार दावे के कारण हम मानने लगे हैं कि देवी सीता का विवाह भारत के राजकुमार राम से हुआ था। जबकि असलियत में अयोध्या बीरभूमि के पास स्थित एक गांव है।

नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने भारत पर सांस्कृतिक अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए कहा, भारत ने एक नकली अयोध्या का निर्माण किया है।

उन्होंने दावा किया कि वाल्मिकी आश्रम नेपाल में है और वह पवित्र स्थान जहां राजा दशरथ ने पुत्र के जन्म के लिए यज्ञ किया था वह रिदि है। उन्होंने कहा कि दशरथ पुत्र राम भारतीय नहीं थे और असली अयोध्या भी नेपाल में है। ओली ने अपने इन ओछे दावों पर अजीबोगरीब दलील देते हुए कहा कि जब संचार का कोई तरीका ही नहीं था तो भगवान राम सीता से विवाह करने जनकपुर कैसे आए?

उन्होंने यह भी दावा किया कि भगवान राम के लिए तब यह असंभव था कि वह भारत में स्थित मौजूदा अयोध्या से जनकपुर तक आते। ओली ने कहा, जनकपुर यहां और अयोध्या वहां है और हम विवाह की बात कर रहे हैं। तब न मोबाइल फोन था और ना ही टेलीफोन, तो उन्हें जनकपुर के बारे में कैसे पता चला।


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