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'एक ऐसी छाप छोड़ी जो कभी मिटती नहीं', राजीव चंद्रशेखर ने पीएम मोदी के साथ पहली मुलाकात को किया याद

केरल भाजपा अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी पहली 'गेम चेंजिंग' मुलाकात को याद किया, जो 2012 में हुई थी

एक ऐसी छाप छोड़ी जो कभी मिटती नहीं, राजीव चंद्रशेखर ने पीएम मोदी के साथ पहली मुलाकात को किया याद
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राजीव चंद्रशेखर की यादें: पीएम मोदी से पहली मुलाकात ने बदल दी दिशा

  • मोदी से पहली मुलाकात: विचारों की गहराई और नेतृत्व की छाप
  • राजनीति से परे संवाद: चंद्रशेखर ने साझा किया मोदी संग पहला अनुभव

तिरुवनंतपुरम। केरल भाजपा अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी पहली 'गेम चेंजिंग' मुलाकात को याद किया, जो 2012 में हुई थी, जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

राजीव चंद्रशेखर ने एक्स हैंडल पर शेयर किए गए एक वीडियो में कहा, "2012 में मैंने पहली बार नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। मैं तब एक निर्दलीय सांसद था, छह साल से सार्वजनिक जीवन में था और मेरी यात्रा उत्तरों से ज्यादा सवालों से भरी रही। मैं अहमदाबाद बहुत कम उम्मीदों के साथ गया था, फिर भी वहां जो हुआ उसने मुझ पर एक ऐसी छाप छोड़ी जो आज तक मिट नहीं पाई है।"

उन्होंने कहा, "उनकी मेज पर मेरे द्वारा वर्षों पहले प्रकाशित लेखों, निबंधों और विचारों का एक छोटा सा ढेर रखा था। जब मैंने अपना परिचय दिया तो उन्होंने किसी व्यस्त राजनेता की तरह सर हिलाकर हामी नहीं भरी। इसके बजाय उन्होंने मुझसे 2010 में शासन पर लिखे मेरे एक लेख के बारे में पूछा, और उसे इतनी बारीकी से याद किया कि मैं कुछ पल के लिए अवाक रह गया।"

राजीव चंद्रशेखर ने कहा, "अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार मुझे अपनी बात कहने का दुर्लभ सौभाग्य मिला, किसी लिस्ट में शामिल नाम के रूप में नहीं, किसी क्षणिक परिचित के रूप में नहीं, बल्कि विचारों में मग्न मन के रूप में। तब मेरे मुंह से शब्द फूट पड़े, जो बहुत देर तक रुके रहे। उन्होंने धैर्यपूर्वक सुना, कभी बीच में टोका नहीं, उनकी रुचि सच्ची थी। जैसे ही हमारी मुलाकात समाप्त होने वाली थी, मैंने पूछा कि क्या मैं उनसे फिर मिल सकता हूं, ताकि इस तरह की बातचीत जारी रख सकूं। उनका उत्तर संक्षिप्त लेकिन उदार था: 'आते रहिए।'"

उन्होंने कहा, "उस दिन के बाद से मैं हर कुछ हफ्तों में उनसे मिलता रहा, संक्षिप्त लेकिन अमूल्य बातचीत में कुछ पल बिताता रहा। वे सत्र केवल चर्चाएं नहीं थे, वे सबक थे। उन्होंने मेरे क्षितिज को व्यापक बनाया, मेरे विश्वास को प्रखर किया, और मुझे याद दिलाया कि सच्चा नेतृत्व सिर्फ राष्ट्र निर्माण में ही नहीं, बल्कि उन लोगों का पोषण करने में भी निहित है जो आपके साथ मिलकर इसे बनाने में मदद करेंगे। वह पहली मुलाकात मेरी स्मृति में अंकित है, जब मैंने पहली बार महसूस किया कि कैसे पीएम नरेंद्र मोदी सिर्फ विकास की बात करने वाले नेता नहीं हैं, बल्कि दूसरों में इसे विकसित करने वाले नेता हैं।"

61 वर्षीय चंद्रशेखर 2006 से 2024 तक तीन बार राज्यसभा के सदस्य रहे। उन्होंने 2021 से 2024 तक दूसरी मोदी सरकार में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, कौशल विकास एवं उद्यमिता, और जल शक्ति राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया।

2024 में उन्होंने तीन बार के सांसद शशि थरूर के खिलाफ तिरुवनंतपुरम निर्वाचन क्षेत्र से अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा। हालांकि, वे 15,000 से अधिक मतों से हार गए, लेकिन उन्होंने तेजतर्रार कांग्रेस सांसद को चौंका दिया। जब कई लोगों को लगा कि उनका राजनीतिक भविष्य खत्म हो गया है, इसी साल मार्च में उन्हें राज्य भाजपा इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।


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