केरल : भाई भतीजावाद के आरोपों को मंत्री ने किया खारिज
राज्य के कांग्रेसनीत विपक्ष में आईयूएमएल दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है

तिरुवनंतपुरम। केरल के एक मंत्री ने विपक्ष द्वारा उनके ऊपर लगाए भाई-भतीजावाद के आरोपों को आज खारिज कर दिया और कहा कि यह आरोप निराधार हैं।
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने कहा था कि उच्च शिक्षा मंत्री के.टी जलील के एक करीबी बी.टेक स्नातक रिश्तेदार को राज्य सरकार के स्वामित्व वाले निगम में महाप्रबंधक नियुक्त किया गया है। इस निगम को गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनी का लाइसेंस मिलने वाला है।
यहां मीडिया से बात करते हुए जलील ने कहा कि उनके मंत्रालय के अंतर्गत केरल राज्य अल्पसंख्यक विकास वित्त निगम में महाप्रबंधक की नियुक्ति सरकार के नियमों के मुताबिक की गई है।
उन्होंने कहा, "हमने कई समाचार पत्रों में विभिन्न पदों पर लोगों के आवेदन आमंत्रित करने के लिए विज्ञापन दिया था। सात उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। इनमें तीन को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था लेकिन किसी को भी योग्य नहीं पाया गया।"
जलील ने कहा, "इस वजह से साउथ इंडियन बैंक में कार्य कर रहे एक व्यक्ति का चुनाव किया गया। राज्य सरकार के पास किसी को भी प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त करने की शक्तियां है और इस पद के लिए नियुक्त पिछले दो लोगों को भी प्रतिनियुक्ति के आधार पर चुना गया था।"
मंत्री ने कहा, "नए नियुक्त हुए व्यक्ति बैंकिंग में विशेषज्ञ हैं। उन्होंने अपना कार्य शुरू कर दिया है और रिकॉर्डो का कंप्यूटरीकरण किया जा रहा है। इसी काम ने आईयूएमएल नेतृत्व को आशंकित कर दिया है क्योंकि ऋण चूककर्ताओं की सूची तैयार की जा रही है। जो लोग अब हाथ उठा रहा हैं और निराधार आरोप लगा रहे हैं वे जानते हैं कि अगर वर्तमान प्रक्रिया जारी रही तो कई लोगों के लिए संकट खड़ा हो सकता है।"
विपक्ष के नेता रमेथ चेन्नीथाला और कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष मुलापल्ली रामचंद्रन ने भी जलील को पद से हटाने की मांग की है।


