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केरल : सड़क निर्माण को लेकर राजनीतिक घमासान

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंगलवार को विकास के मुद्दों पर विपक्ष से सहयोग मांगा। विजयन का यह बयान कांग्रेस विधायक वी.डी.सतीशन के हिंसक विरोध प्रदर्शन की चेतावनी के बाद आया है

केरल : सड़क निर्माण को लेकर राजनीतिक घमासान
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तिरुवनंतपुरम। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंगलवार को विकास के मुद्दों पर विपक्ष से सहयोग मांगा। विजयन का यह बयान कांग्रेस विधायक वी.डी.सतीशन के हिंसक विरोध प्रदर्शन की चेतावनी के बाद आया है। सतीशन ने अपने बयान में कहा था कि पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम की तरह कन्नूर जिले के तालीपरम्बा में हिंसक विरोध प्रदर्शन दोहराए जा सकते हैं।

राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रस्तावित एक उपमार्ग को लेकर कन्नूर के स्थानीय लोग परियोजना के खिलाफ हैं।

विजयन ने कहा, "हां, यहां तक कि हमारी पार्टी में एक तबका गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण का विरोध कर रहा है। विकास के लिए नए मार्ग जरूरी हैं और हम किसी भी परिस्थिति में दबाव में नहीं आएंगे।"

उन्होंने कहा, "यह बिल्कुल स्वाभाविक है कि जब लोग अपनी जमीन को हाथ से निकलता देखेंगे तो विरोध करेंगे, लेकिन उनकी देखभाल उचित पुनर्वास कार्यक्रम के जरिए की जा सकती है। मैं राज्य के विकास के लिए विपक्ष को अपने साथ आने का आह्वान करता हूं..हम सभी को एक होना चाहिए।"

एक साल से ज्यादा समय से सत्तारूढ़ मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रति निष्ठा रखने वाले लोगों का एक समूह सड़क परियोजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है। यह समूह अपने खिलाफ 14 मार्च को पुलिस की कार्रवाई से नाराज बताया जा रहा है।

माकपा की कार्यकर्ता जानकी (73) विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रही हैं। इस गांव को माकपा का केंद्र माना जाता है।

कांग्रेस के विधायक ने कहा, "इस परियोजना को बिना सही तरीके से अध्ययन कर लाया गया है। विरोध प्रदर्शन को तोड़ने के लिए माकपा ने 11 प्रदर्शनकारियों को पार्टी से बर्खास्त कर दिया.. हम किसी भी परिस्थिति में यहां नंदीग्राम की पुनरावृत्ति नहीं होने देंगे।"

पीडब्ल्यूडी मंत्री जी. सुधाकरन ने कहा कि तीन सड़कों पर विचार किया गया था, लेकिन मौजूदा सड़क को चुना गया क्योंकि इसमें कम से कम विस्थापन होना है।

सुधाकरन ने कहा, "समस्या यह है कि प्रदर्शन की अगुवाई एक तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग द्वारा की जा रही है, जिसके पास परेशानी पैदा करने के सिवाय कोई और काम नहीं है। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी बाहरी हैं। कुल 11.50 एकड़ भूमि को लिया गया है और चार लोगों के सिवाय सभी लोग सहमत हैं। किसी को भी चिंतित होने की जरूरत नहीं है, एक कतरा खून भी नहीं गिरेगा।"


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