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केरल पुलिस प्रमुख ने अपराध शाखा को दिए चर्च में यौन उत्पीड़न मामले की जांच के आदेश 

 केरल पुलिस प्रमुख ने आज अपराध शाखा को कोट्टायम स्थित मलंकारा ऑर्थोडॉक्स चर्च के पांच पादरियों द्वारा एक महिला के साथ यौन उत्पीड़न मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं

केरल पुलिस प्रमुख ने अपराध शाखा को दिए चर्च में यौन उत्पीड़न मामले की जांच के आदेश 
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तिरुवनंतपुरम। केरल पुलिस प्रमुख ने आज अपराध शाखा को कोट्टायम स्थित मलंकारा ऑर्थोडॉक्स चर्च के पांच पादरियों द्वारा एक महिला के साथ यौन उत्पीड़न मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं। पुलिस महानिदेशक लोकनाथ बेहरा ने अपराध शाखा विंग को पीड़िता के पति द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करने के आदेश दिए हैं।

एक ऑनलाइन पोर्टल ने सबसे पहले पिछले सप्ताह इस खबर की जानकारी दी थी, जिसके बाद इसकी जांच को लेकर काफी दबाव बनने लगा खासकर सोशल मीडिया के द्वारा इस मामले की जांच को लेकर दबाव बनाया गया, जिसके बाद मजबूरन आंतरिक जांच कराने की घोषणा करनी पड़ी।

पीड़िता के पति ने बताया था कि इन पादरियों में से जिस पादरी ने सबसे पहले उसकी पत्नी का शोषण किया, वह उसकी पत्नी को ब्लैकमेल करने लगा और जब उनकी पत्नी ने दूसरे पादरी से मदद मांगी तो उसने भी धमकाना शुरू कर दिया और अन्य पादरियों के साथ महिला का उत्पीड़न करने लगा। इस तरह महिला पांच पादरियों द्वारा शोषण का शिकार हुई।

हालांकि, चर्च में ऊंचे पद पर काबिज लोगों ने मामले को चुपके से रफा-दफा करने का प्रयास किया, लेकिन परेशानी तब शुरू हुई, जब राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने इसे संज्ञान में लिया और बेहरा को पत्र लिखकर मामले की जांच कराने के लिए कहा।

इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री वी.एस. अच्युतानंदन ने भी बेहरा को पत्र लिखा और कहा कि चर्च द्वारा मामले की जांच करना अनुचित है क्योंकि यह निष्पक्ष नहीं होगा।

अच्युतानंदन ने कहा कि इसके बजाय पुलिस को मामले की जांच करनी चाहिए।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने अपराध शाखा को एक विशेष टीम गठित कर मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं।

हालांकि, पीड़िता ने किसी भी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज नहीं कराई है। इसके अलावा उसके पति ने भी शोषण से संबंधित सारे दस्तावेज चर्च के अधिकारियों को सौंप दिए हैं।

सूत्र ने कहा कि अपराध शाखा इस मामले में पहले विभिन्न समाचार रिपोर्टों की सच्चाई की प्रारंभिक जांच करेगी और फिर पता लगाएगी कि ये आरोप सच हैं या नहीं।


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