Top
Begin typing your search above and press return to search.

केरल विधानसभा चुनाव: विजयन और चेन्निथला दोनों ही हैं अपनी जीत को लेकर हैं आश्वस्त

केरल में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने में ठीक 2 हफ्तों का समय बाकी है और राज्य के दोनों पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी मोचरें को पूरी उम्मीद है कि उनकी जीत तय है

केरल विधानसभा चुनाव: विजयन और चेन्निथला दोनों ही हैं अपनी जीत को लेकर हैं आश्वस्त
X

तिरुवनंतपुरम। केरल में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने में ठीक 2 हफ्तों का समय बाकी है और राज्य के दोनों पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी मोचरें को पूरी उम्मीद है कि उनकी जीत तय है।

सत्तारूढ़ पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाला वाम मोर्चा (एलडीएफ) और कांग्रेस के नेतृत्व वाला संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) दोनों ही 2 मई को अपनी संभावित जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं। मंगलवार की सुबह विजयन ने अलाप्पुझा में मीडिया से कहा कि उन्होंने अब तक कई जिलों को कवर किया है और उन्हें अच्छी प्रतिक्रियाएं मिली हैं। विजयन ने कहा, "लोगों को एहसास हुआ है कि केवल वामपंथी ही विकास कर सकते हैं। इसी तरह सभी जगहों पर महिलाओं को लेकर एक बहुत बड़ा बदलाव आया है और यह दर्शाता है कि वामपंथी महिलाओं के अनुकूल कार्यक्रम और प्रोजेक्ट लाने में सक्षम साबित हुए हैं। इसका सबसे अच्छा उदाहरण कुडुम्बश्री (महिला सशक्तिकरण) है। कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूडीएफ इस कार्यक्रम को खत्म करने की कोशिश कर रहा था। उधर कांग्रेस पार्टी तो अपनी महिला विंग को ही नहीं संभाल पा रही है। इसी के चलते उनकी महिला विंग की अध्यक्ष को एक विद्रोही उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ना पड़ रहा है। साफ है कि कांग्रेस महिलाओं की और उनकी जरूरतों का ख्याल रखने में अक्षम है।"

विजयन ने आगे कहा, "ये सभी घटनाक्रम साफ तौर पर दर्शाते हैं कि केरल में वामपंथी अपनी सत्ता बनाए रखने में पूरी तरह से कामयाब होंगे क्योंकि केरल के लोग यही चाहते हैं।"

उधर राज्य भर में घूम रहे विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने मंगलवार को कासरगोड में मीडिया से कहा, "हम विजयन सरकार के इन नकली चुनाव सर्वे में विश्वास नहीं करते हैं। ऐसा नरेंद्र मोदी ने भी किया है, लेकिन हम सभी जानते हैं कि केरल के लोग अब शासन में बदलाव चाहते हैं और हमें जनता का मूड पता चला है जो सिर्फ इस सरकार को बाहर का रास्ता दिखाना चाहती है।"

चेन्निथला ने कहा कि इन चुनावी सर्वे के खिलाफ मुख्य चुनाव अधिकारी द्वारा सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद अब वे दिल्ली में मुख्य चुनाव आयोग से संपर्क करेंगे। इसे लेकर उन्होंने कहा, "कमाल की बात है कि उम्मीदवारों के नाम या चुनावी घोषणापत्र जारी होने से पहले ही सर्वे के नतीजे प्रकाशित किए जा रहे हैं। विजयन सरकार ने हाल के महीनों में 200 करोड़ रुपये के विज्ञापन दिए हैं और तभी उन्हें ऐसे नतीजे मिले हैं। इससे भी ज्यादा आश्चर्य की बात यह है कि इन सर्वे में एक ही एजेंसी पार्टनर है।"

चुनाव से पहले आए कम से कम 3 सर्वे से पता चला है कि विजयन के नेतृत्व वाला वाम दल सरकार में बना रहेगा। जाहिर है इससे कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ को करारा झटका लगा है, जो अगली सरकार में आने को लेकर निश्चिंत हैं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it