केरल : दुष्कर्म के आरोपी 2 पादरियों को अदालत से राहत नहीं
केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी चार ऑर्थोडॉक्स पादरियों में से दो को किसी प्रकार की राहत देने से इनकार कर दिया और मामले की अगली सुनवाई सोमवार के लिए सूचीबद्ध कर दी

कोच्चि। केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी चार ऑर्थोडॉक्स पादरियों में से दो को किसी प्रकार की राहत देने से इनकार कर दिया और मामले की अगली सुनवाई सोमवार के लिए सूचीबद्ध कर दी। इन पादरियों ने अदालत से अग्रिम जमानत के लिए अनुरोध किया था। कोट्टायम मुख्यालय वाले मलंकारा ऑर्थोडॉक्स चर्च के दोनों पादरियों अब्राहम वर्गीस और जॉब मैथ्यू ने अदालत से उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें एक ग्रामवासी महिला के यौन शोषण मामले में झूठे तरीके से फंसाया गया है।
अभियोजन पक्ष ने हालांकि कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा कि किसी भी हाल में अग्रिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
दोनों पादरियों के वकील ने अनुरोध किया कि जब तक अदालत में जमानत याचिका दाखिल नहीं हो जाती, तबतक उनकी गिरफ्तारी को रोका जाना चाहिए। लेकिन अदालत ने इंकार कर दिया।
अदालत का दरवाजा खटखटाने वाले इन दो पादरियों के साथ ही दो अन्य पादरियों जेसी जॉर्ज और जॉनसन मैथ्यू के खिलाफ केरल पुलिस की अपराध शाखा ने आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। अपराध शाखा पीड़िता के पति द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर मामले की जांच कर रही है। वह भी उसी चर्च से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि पिछले एक दशक में पांच पादरियों ने उनकी पत्नी का यौन शोषण किया है।
एक पादरी को पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि महिला ने अपनी शिकायत में केवल चार पादरियों का ही नाम लिया था।


