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केन्या: 83 लोगों ने 'भगवान की प्राप्ति' के लिए भूखे रह कर की आत्महत्या

केन्या में भगवान को प्राप्त करने के लिए भूखा रह कर अपनी जान दे देने में विश्वास करने वाले एक समूह के 83 लोग मारे गए हैं. कई दिनों तक जंगल में ढूंढने के बाद पुलिस को 83 शव मिले हैं. कम से कम 200 लोग लापता हैं.

केन्या: 83 लोगों ने भगवान की प्राप्ति के लिए भूखे रह कर की आत्महत्या
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केन्या के तटीय कस्बे मलिंदी के पास स्थित शाकाहोला जंगल में पुलिस ने सामूहिक कब्रों से 10 और शव बरामद किए हैं. इसके बाद अभी तक मिलने वाले शवों की कुल संख्या 83 हो गई है.

पुलिस को कई दिन पहले जानकारी मिली थी कि स्वघोषित धार्मिक नेता पॉल मैकेंजी न्थेंगे ने अपने अनुयायियों से कहा था कि उन्हें भगवान को हासिल करने के लिए भूखे रह कर अपनी जान देनी होगी.

केन्या रेड क्रॉस का कहना है कि मलिंदी में उसके कर्मचारियों को 212 लोगों के लापता होने के बारे में बताया गया है. इनमें से दो को उनके परिवारों के पास पहुंचा दिया गया है. मंगलवार 25 अप्रैल को बरामद हुए 10 शवों में तीन बच्चे भी शामिल थे.

कुछ को बचाया गया, अभियान जारी

सफेद जंपसूट पहने आपातकर्मियों ने छिछली कब्रों में से उनकी लाशें बाहर निकालीं. पुलिसकर्मियों ने बताया कि उन्हें लाशें छिछले गड्ढों में एक दूसरे के साथ दबाई हुई मिलीं. एक-एक कब्र में छह लाशें मिली हैं. कई लाशों को तो कब्रों से बाहर जमीन पर ही छोड़ दिया गया था.

दो क्षीण लेकिन जिंदा लोगों को भी निकाला गया. पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल जाफेट कूमे ने पत्रकारों को बताया कि अभी तक 29 लोगों को बचा लिया गया है और अस्पताल ले जाया गया है.

माना जा रहा है कि न्थेंगे के 'गुड न्यूज इंटरनैशनल चर्च' के कुछ अनुयायी अभी भी शाकाहोला के इर्द गिर्द फैली झाड़ियों में छिपे हो सकते हैं और अगर उन्हें जल्दी नहीं ढूंढा गया तो वो मर भी सकते हैं.

पुलिस को इस मामले की जानकारी देने वाले मानवाधिकार समूह हाकी अफ्रीका के कार्यकारी निदेशक हुसैन खालिद ने अधिकारियों से अपील की कि वो और बचावकर्मियों को भेजें ताकि 800 एकड़ में फैले इस जंगल में बचने वालों की तलाश की जा सके.

उन्होंने बताया, "जैसे जैसे एक एक दिन बीत रहा है वैसे वैसे और लोगों के मारे जाने की संभावना बढ़ती जा रही है. बीते चार दिनों में हमने जो डरावने दृश्य देखे हैं वो मानसिक आघात देने वाले हैं. बच्चों की छिछली सामूहिक कब्रों के लिए आप किसी भी तरह से तैयार नहीं रह सकते हैं."

कौन है पॉल मैकेंजी न्थेंगे

इस मामले को "शाकाहोला जंगल नरसंहार" कहा जा रहा है. अधिकारी अभी तक यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि न्थेंगे की बातों में आ कर इसमें कितने लोग शामिल हो गए थे. यह सवाल भी उठ रहे हैं कि न्थेंगे छह साल पहले ही पुलिस की नजर में आ गया था, फिर वो कैसे अपने इस कल्ट को बेरोक चलाता रहा.

न्थेंगे एक टेलीइवैंजलिस्ट है जिसे 2017 में लोगों को "कट्टरपंथी" बनाने के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था. उस समय उसने लोगों से कहा था कि बाइबल में शिक्षा को मान्यता नहीं दी गई है, इसलिए परिवारों को अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहिए.

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक 2023 में ही दो बच्चों के उनके माता पिता के पास ही भूख से मर जाने के बाद न्थेंगे को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था. उसे 1,00,000 केन्याई शिलिंग की जमानत पर रिहा किया गया था. शाकाहोला छापे के बाद उसने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.

मामले पर अदालत में दो मई को सुनवाई होगी. इस मामले से पूरे देश में सदमे की लहर फैल गई है, जिसकी वजह से राष्ट्रपति विलियम रुतो ने "अस्वीकार्य" धार्मिक संगठनों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का प्रण लिया है.

रुतो ने यह भी कहा कि न्थेंगे जैसे बदमाश पादरी "अजीब, अस्वीकार्य विचारधाराओं को आगे बढ़ाने के लिए धर्म का इस्तेमाल करते हैं." उन्होंने से ऐसे पादरियों की आतंकवादियों से तुलना की. केन्या में अपराधों में शामिल स्वघोषित पादरियों और उनके कल्ट का चिंताजनक इतिहास है और इस मामले से देश में इस तरह के संगठनों पर कड़े नियंत्रण की मांग उठ रही है.


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