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छात्रों की मानसिक तंदुरुस्ती के लिए केंद्रीय विद्यालय का संपर्क अभियान

कोविड-19 महामारी के मद्देनजर विद्यालयों को जिस तरह अचानक बंद करने पड़े

नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर विद्यालयों को जिस तरह अचानक बंद करने पड़े, उसे देखते हुए प्रधानाचार्य और शिक्षक न केवल ऑनलाइन संसाधनों और विषय-वस्तु के लेन-देन वाले सहयोगी पोर्टलों जैसे माध्यम से शिक्षा जारी रखने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, बल्कि अपने विद्यार्थियों की मानसिक तंदुरुस्ती के लिए भी उनसे संपर्क कर रहे हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, केंद्रीय विद्यालय संगठन ने देश भर के अपने सभी विद्यालयों को इस संबंध में उपाय करने के निर्देश दिए हैं। इन गतिविधियों की समुचित निगरानी सुनिश्चित करने के लिए साप्ताहिक आधार पर सभी केन्द्रीय विद्यालयों से उपरोक्त निर्देशों के कार्यान्वयन के बारे में जानकारी ली जा रही है।

अधिकारी ने कहा कि इसके लिए 331 प्रशिक्षित परामर्शदाता अंशकालिक अनुबंध के आधार पर साथ लाए गए हैं। जिन विद्यालयों में प्रशिक्षित परामर्शदाता की सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं, वहां पड़ोसी विद्यालय के परामर्शदाता की मदद ली जा रही है।

एनसीईआरटी से मार्गदर्शन और परामर्श में प्रशिक्षित हुए केन्द्रीय विद्यालयों के 268 शिक्षकों को भी शामिल किया गया है।

छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने के लिए केंद्रीय विद्यालय संगठन ने अपने 'स्वयं प्रभा पोर्टल' से एक और नई शरुआत की है। माध्यमिक और उच्च माध्यमिक कक्षाओं के लिए एनआईओएस के रिकॉर्ड किए गए और लाइव कार्यक्रमों के चैप्टर्स की सारणी छात्रों एवं शिक्षकों से साझा की गई है।

शिक्षकों, छात्रों और उनके अभिभावकों के बीच व्यापक प्रचार सुनिश्चित करने के लिए सभी विद्यालयों में इस सूचना का प्रसार किया गया है। शिक्षकों को ई-मेल, वाट्सएप, एसएमएस आदि विभिन्न मीडिया के माध्यम से छात्रों से संपर्क करने की सलाह दी गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस कार्यक्रम से अधिकतम संख्या में विद्यार्थी लाभान्वित हो सकें।

केंद्रीय विद्यालयों ने एनआईओएस द्वारा 'स्वयं प्रभा' पोर्टल पर लाइव सत्रों के लिए कुछ चुने गए शिक्षकों को नामित किया है, ताकि वे स्काइप और लाइव वेब चैट के माध्यम से शिक्षार्थियों के संदेहों का समाधान कर सकें।

ये नामांकित शिक्षक सुबह के सत्र में प्रसारित विषय-वस्तु पर अतिरिक्त सामग्री नोट्स तैयार करेंगे, ताकि लाइव सत्र के दौरान विद्यार्थियों की शंकाओं को स्पष्ट किया जा सके। अगर लाइव सत्र के दौरान शंकाएं नहीं आ रही हैं तो संबंधित संकाय इस सामग्री की पुनरावृत्ति करेंगे या पीपीटी शिक्षण सहायक सामग्री के माध्यम से विषय-वस्तु को प्रदान करेंगे।


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