Top
Begin typing your search above and press return to search.

केलो डेम का जलस्तर अभी भी काफी कम

 छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में बना केलो बांध बरसात के बाद भी पूरी तरह खाली है

केलो डेम का जलस्तर अभी भी काफी कम
X

रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में बना केलो बांध बरसात के बाद भी पूरी तरह खाली है।

इसमें मात्र 20 प्रतिशत पानी बचा हुआ है साथ ही साथ ऐन बरसात के मौके पर डेम खाली होनें पर जिले के अधिकारी डेम की ऊंचाई के साथ-साथ भराव क्षमता पर ही सवाल उठा रहें है इसके अलावा इस डेम को भरे जाने को लेकर आसपास के क्षेत्रों में पानी भराव की आशंका को भी बल दे रहें है।

ऐसा पहली बार हुआ है जब बरसात के समय डेम को पानी से लबालब भरने की बजाए उसे खाली करके अधिकारी यह जता रहें है कि डेम की भराव क्षमता कम है और इसलिये इसे खाली रखा जाना आवश्यक है। इतना ही नही केलो डेम डॉ रमन सिंह का वह सपना है जिसके माध्यम से रायगढ़-खरसिया, पुसौर ब्लाक के सैकड़ो किसानों को पानी मिलेगा साथ ही साथ इस डेम के पानी से उनकी खेत में फसल भी लहराएगी। रायगढ़ आने के दौरान मुख्यमंत्री ने बार-बार इसी डेम की तारीफ करते हुए यह बताया था कि उनके कार्यकाल में बना यह केलो डेम किसानों के लिए वरदान साबित होगा।

रायगढ़ शहर तकरीबन 8 किलोमीटर दूर ग्राम लाखा में स्थित केलो बांध है जिसके निर्माण में दो अरब से भी अधिक की लागत से कुछ साल पहले ही बना है और अब यह डेम पूरा खाली हो चुका है।

तालाब जैसा दिख रहा यह केलो डेम खाली होनें के पीछे यहां मौजूद केलो बांध में काम करने वलो कर्मचारी इसका कारण बांध के आसपास की दीवाल पूरी तरह कमजोर होना बताते है साथ ही साथ यह भी बताते है इसके मेंटनेंस के लिए कोई खर्च नही किया जा रहा है बल्कि अधिकारी आते हैं और देखकर चले जाते है।

हमारे संवाददाता ने जब उससे पूछा कि आसपास के स्थल जर्जर हालत का कारण क्या है तो उसने साफ बताया कि पानी भराव को रोकने के लिए बनाई गई वॉल लगभग जर्जर हो चुकी है और इसके मरम्मत भी नही हो पा है।

तालाब जैसे दिख रहे केलो बांध में पानी कम होनें के सवाल को लेकर हमने जिले में बैठे केलो परियोजना के वरिष्ठ अधिकरी पी.के.शुक्ला से भी बात की तो उनसे चर्चा के दौरान चौकाने वाली बात सामने आई जो कि यह सवाल खड़े कर रही थी कि केलो बांध का पानी ज्यादा भरा जाएगा तो आसपास के क्षेत्र में डूबान की समस्या उत्पन्न होगी साथ ही साथ इसका पानी छोड़ा जाएगा तो शहर में भी बाढ़ की स्थिति बन जाएगी।

मजे की बात यह है कि केलो परियोजना के अधिकारी उल्टे ही शासन की गलती बताने से नही चुक रहें है। उनकी मानें तो केलो बांध की उंचाई 6 मीटर कम की गई थी और पानी भराव की क्षमता भी इसी ऊंचाई के कम होनें से कम हुई है पर वे इस बात को मानने को तैयार नही थे कि वर्तमान में केलो बांध का पानी इस तरह खाली करना गलत है। चूंकि यही पानी किसानों को फसल के समय देना होता है और जब डेम में पानी नही होगा तो कैसे नहर में पानी छोड़ा जाएगा।

लेकिन अधिकारी बार-बार यह तर्क दे रहे थे कि केलो बांध का पानी अभी सामान्य है और कोई कमी नही है। चूंकि बारिश का पानी तेजी से डेम में भरता है जिसके लिए इसे खाली करना आवश्यक था।

बहरहाल बांध बनने के कई साल बाद केलो परियोजना के अधिकारी का यह कहना है कि बांध की ऊंचाई न केवल कम है बल्कि इसके पानी भराव की क्षमता भी कम है जिससे यह बात साफ हो जाती है कि जिले के किसानों को आने वाले समय में इसका कितना फायदा होगा।

नियम है दूसरा

बरसात के समय छत्तीसगढ़ सहित देश के अनेक हिस्सों में मौजूद बांधों में बरसात का पानी लबालब भरने का इंतजार रहता है साथ ही साथ क्षमता से अधिक पानी उसे सीपेस वॉटर के रूप में छोड़ जाने का भी नियम है लेकिन बांध का पानी खाली करना गलत है।

केलो बांध की ऊंचाई भले ही 6 मीटर कम हो लेकिन इसके 8 गेट में से 2 गेट खोल कर पानी का लेबल बराबर रखा जा सकता है लेकिन हो नही रहा। वहीं छत्तीसगढ़ के सभी बांधों में अभी पानी भराव पूरी तरह नही हुआ है और जहां क्षमता से अधिक पानी भर गया है वहां थोड़ा-थोड़ा पानी छोड़ा जाता है ताकि बरसात नही होनें पर बांध का पानी कम न हो।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it