सतर्कता सचिव के पद पर 'गुड्डा' बैठाकर घोटालों की जांच से बरी होना चाह रहे केजरीवाल : भाजपा
दिल्ली के सतर्कता सचिव पर मचे हंगामे पर दिल्ली सरकार को घेरते हुए भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बंगले की जांच का मामला हो या फिर शराब घोटाले आदि से जुड़ी संवेदनशील फाइलों का मामला यह सभी मामले सतर्कता विभाग में फंसे हैं

नई दिल्ली। दिल्ली के सतर्कता सचिव पर मचे हंगामे पर दिल्ली सरकार को घेरते हुए भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बंगले की जांच का मामला हो या फिर शराब घोटाले आदि से जुड़ी संवेदनशील फाइलों का मामला यह सभी मामले सतर्कता विभाग में फंसे हैं और इसलिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सतर्कता सचिव के पद पर ऐसे अधिकारी को लगाना चाहते हैं, जिसको दबाव में लेकर जांच के नाम पर लीपा-पोती करवा कर खुद को बरी करवा सकें।
उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार का मकसद केवल सर्तकता सचिव पद पर अपना गुड्डा बैठा कर मुख्यमंत्री केजरीवाल के बंगले की जांच पर पर्दा डालने और शराब घोटाले आदि की फाइलें इधर उधर करवाने तक सीमित है। इसलिए 11 मई को आए सर्वोच्च न्यायालय के सेवा विभाग अधिकारों से जुड़े आदेश के तुरंत बाद से मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सर्विसिस एवं सतर्कता सचिवों को हटाने की जिद्द पकड़ ली है।
सर्विसिस सचिव को मुख्यमंत्री हटाने में कामयाब भी हो गए तो अब सतर्कता सचिव को भी हटाने के लिए अपने मंत्री सौरभ भारद्वाज से बयानबाजी करवा कर वातावरण बनाने में लगे रहते हैं।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने केजरीवाल एवं उनके मंत्री सौरभ भारद्वाज से सवाल किया कि यदि सतर्कता सचिव उतने ही भ्रष्ट हैं, जितना वह पिछले 20 दिन से प्रचारित कर रहे हैं तो फिर यह मुख्यमंत्री को 11 मई के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद ही क्यों ध्यान में आया? केजरीवाल 11 मई से पहले का एक ऐसा दिन बताएं, जब उन्होंने या उनके किसी मंत्री ने किसी अधिकारी के विरुद्ध एक शब्द बोला हो, सच तो यह है कि यही राजशेखर 2015 में बनी पहली केजरीवाल सरकार में तत्कालीन मंत्री आसिम खान के सचिव थे, यानी केजरीवाल सरकार के महत्वपूर्ण अफसर हुआ करते थे।


