Top
Begin typing your search above and press return to search.

केजरीवाल पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश ,निर्वाचन आयोग ने लगाई कड़ी फटकार

नई दिल्ली/पणजी ! निर्वाचन आयोग ने रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल को आयोग पर आक्षेप करने को लेकर कड़ी फटकार लगाई

केजरीवाल पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश ,निर्वाचन आयोग ने लगाई कड़ी फटकार
X

नई दिल्ली/पणजी ! निर्वाचन आयोग ने रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल को आयोग पर आक्षेप करने को लेकर कड़ी फटकार लगाई और उनके एक बयान को लेकर गोवा के अधिकारियों को प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने का निर्देश दिया। केजरीवाल ने कहा था कि 'उन्हें लगता है कि निर्वाचन आयोग प्रधानमंत्री कार्यालय के आदेशानुसार काम कर रहा है।'

आयोग ने मीडिया में आई खबरों पर संज्ञान लेते हुए केजरीवाल के इस बयान को 'निराधार' और 'अत्यधिक अपमानजनक' बताया।

आयोग ने सख्त शब्दों में लिखे एक पत्र के जरिए केजरीवाल से कहा, "एक संवैधानिक निकाय के तौर पर निर्वाचन आयोग के खिलाफ उनके बयान की भाषा और उनका रुख न केवल 'निराधार' और 'अत्यधिक अपमानजनक' है, बल्कि यह गैरसैद्धांतिक भी है।"

आयोग ने गोवा में एक रैली के दौरान दिए केजरीवाल के बयान पर सख्त रुख अपनाते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने का निर्देश भी दिया।

केजरीवाल ने पिछले साप्ताहांत गोवा में पार्टी की चार रैलियों को संबोधित किया था। हर रैली में उन्होंने कहा था कि लोगों को पैसों का प्रस्ताव देने वाले राजनेताओं से केवल 5,000 रुपये ही स्वीकार नहीं करने चाहिए, बल्कि उनसे 10,000 रुपये की मांग करनी चाहिए, लेकिन वोट उन्हें आम आदमी पार्टी को देना चाहिए।

आयोग ने कहा, "यह बयान रिश्वतखोरी के खिलाफ प्रावधानों के अनुसार गलत है और इसका किसी भी तरह बचाव नहीं किया जा सकता। ऐसी टिप्पणियां आयोग के लिए अस्वीकार्य हैं।"

आयोग ने केजरीवाल को इसी मुद्दे पर 20 जनवरी को भी फटकार लगाई थी। लेकिन इस पर उन्होंने कहा था कि वह लोगों को उस पार्टी को वोट देने से मना कर रहे हैं, जो उन्हें पैसे का प्रलोभन देती है। इसलिए यह रिश्वतखोरी को बढ़ावा देना नहीं है।

केजरीवाल ने एक रैली के दौरान मतदाताओं से कहा था, "जो पार्टी पैसा दे, उससे पैसा ले लेना लेकिन वोट आम आदमी पार्टी को ही देना।"

इस बयान के पीछे केजरीवाल का तर्क है कि उनकी पार्टी के पास इतना पैसा नहीं है कि वह मतदाताओं के बीच बांटे। उनकी पार्टी इसे गलत मानती है। लेकिन धन के मामले में समृद्ध पार्टियां हर चुनाव में पैसे, साड़ियां, जींस, टीशर्ट वगैरह बांटकर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने का प्रयास करती हैं। जब इनसे पैसा लेकर इन्हें वोट नहीं दिया जाएगा, तब ये समृद्ध पार्टियां खुद पैसे बांटना बंद कर देंगी।

केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय भी यही बात कही थी। उनकी शिकायत आयोग से की गई थी और आयोग ने उनसे जवाब तलब किया था। उस चुनाव में दिल्ली की जनता ने केजरीवाल की पार्टी को प्रचंड बहुमत दिया। 15 साल शासन करने वाली कांग्रेस का खाता नहीं खुल पाया और भाजपा को तीन ही सीटों से संतोष करना पड़ा। इन दोनों पार्टियों के निशाने पर अब आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार रहती है।

आयोग के एक आधिकारिक सूत्र ने आईएएनएस से कहा, "हमने एक एफआईआर दर्ज करने और 31 जनवरी तक उसकी अनुपालन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।"

आयोग ने इस पर रविवार को लिखे अपने पत्र में कहा, "आप आदर्श आचार संहिता का निरंतर उल्लंघन कर रहे हैं और निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे।"

आयोग ने कहा, "निर्वाचन आयोग के परामर्श को सही भावना से लेने के स्थान पर आप निरंतर आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं।"

आयोग ने पार्टियों पर पैसे बांटने के केजरीवाल द्वारा लगाए आरोप को बेबुनियाद बताते हुए भ्रष्ट आचरण करने वाली पार्टियों के खिलाफ सबूत पेश करने की हिदायत भी दी।

आयोग ने साथ ही कहा कि केजरीवाल के बयान मतदाताओं की ईमानदारी पर भी सवाल खड़े करते हैं, मानो कि वे मूर्ख और भ्रष्टाचारी हैं।

हालांकि, केजरीवाल ने आयोग की चेतावनी का तत्काल कोई जवाब नहीं दिया।

लेकिन आप नियंत्रित दिल्ली सरकार के मीडिया सलाहकार नागेंद्र शर्मा ने कहा कि क्या यह महज एक संयोग है कि प्रधानमंत्री मोदी के यह कहने के 24 घंटे के बाद ही निर्वाचन आयोग ने केजरीवाल को फटकार लगा दी कि निर्वाचन आयोग की आलोचना अस्वीकार्य है।

शर्मा ने ट्वीट कर कहा, "क्या निर्वाचन आयोग वाकई स्वतंत्र और निष्पक्ष है? इसके एक आयुक्त 2013 में सेवानिवृत्त होने से पहले गुजरात के मुख्य सचिव थे।"

केजरीवाल ने गुजरात के मुख्य सचिव रहे आयुक्त की ईमानदारी पर संदेह व्यक्त करते हुए शर्मा के इस ट्वीट को साझा किया है।

गोवा में मतदान चार फरवरी को होगा। मुख्य मुकाबला अमूमन कांग्रेस और भाजपा के बीच होता आया है, लेकिन पहली बार दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी 'आप' के चुनावी समर में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it