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जलापूर्ति की शिकायतों के बाद अरविंद केजरीवाल ने संभाला जल विभाग का जिम्मा, तलब की रिपोर्ट 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आखिरकार राजधानी में पानी की समस्याओं पर आ रही शिकायतों को देखते हुए दिल्ली में जल विभाग का जिम्मा संभाल लिया है

जलापूर्ति की शिकायतों के बाद अरविंद केजरीवाल ने संभाला जल विभाग का जिम्मा, तलब की रिपोर्ट 
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- कपिल मिश्रा, राजेंद्र पाल गौतम के बाद केजरीवाल तीसरे जल मंत्री

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आखिरकार राजधानी में पानी की समस्याओं पर आ रही शिकायतों को देखते हुए दिल्ली में जल विभाग का जिम्मा संभाल लिया है।

अरविंद केजरीवाल मानते हैं कि उपचुनाव में बड़े पैमाने पर लोगों ने पानी किल्लत की शिकायतें की थी। जल मंत्री राजेंद्र पाल गौतम हैं उनसे यह विभाग लेने से साफ है कि केजरीवाल उनके कामकाज से संतुष्टनहीं हैं। गौतम भी लालफीताशाही की कई बार शिकायतें कर चुके हैं।

राजेन्द्र पाल गौतम से पहले कपिल मिश्रा जल मंत्री थे जिन्हें मई 2017 में ठीक से काम न करने की दलील देकर मंत्रिमंडल से हटाया था।

अरविंद केजरीवाल के विभाग संभालने के बाद नौकरशाही से काम करवाने, पाइप से जलापूर्ति, अनधिकृत कालेानियों में जलापूर्ति, जलाशयों के जीर्णोद्धार की योजना, यमुना सफाई जैसी योजनाओं पर अमल करने की चुनौतियों पर खरा उतरना होगा।

फरवरी 2015 में दिल्ली में सत्ता संभालने के समय से लेकर अब तक के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बिना विभाग के मुख्यमंत्री हैं, जिसको लेकर उनकी आलोचना भी होती रहती है कि केजरीवाल ऐसे पहले सीएम हैं दिल्ली के जो कोई खुद कोई विभाग नहीं संभालते। जबकि केजरीवाल ने 'पानी माफ, बिजली माफ’के साथ ही पानी, सीवर की समस्याएं दूर करने का वादा किया है अब इसी मुद्दे पर सत्ता गंवाने का जोखिम केजरीवाल नहीं लेना चाहते हैं।

इसे देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पदभार संभालते ही दिल्ली जल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई और कहा कि दिल्ली जल बोर्ड हर कॉलोनी में पानी की आपूर्ति के समय पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करे। इसमें आपूर्ति की अवधि, समस्याओं, दूषित पानी के समाधान के लिए समय सीमा तय करने के लिए भी कहा। सभी रिक्त पदों को भरने का निर्देश देते हुए उन्होने ड्यूटी चार्ट बनाने को कहा। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के विकेंद्रीकरण पर उन्होने शुक्रवार को प्रेजेंटेशन देने का निर्देश दिया ताकि शहर भर में सभी जरूरी स्थानों पर ऐसे एसटीपी बनाए जा सकें।

उन्होंने ऐसी कालोनियों में जहां पाइपलाइनों से जलापूर्ति नहीं हो रही है वहां पाईप बिछाने की समय सीमा तय करने के निर्देश दिए साथ ही डीजेबी को एक हफ्ते में यह बताने को कहा वास्तव में उपभोक्ताओं को कितना पानी मिल रहा है और आपूर्ति व मांग के बीच अंतर क्या है। उन्होंने निर्देश दिए रिसाव के लिए असुरक्षित क्षेत्रों की मैपिंग की जाए व सीवर की सफाई के लिए मशीनों की खरीद की जाए।

डीजेबी का कहना है कि वह 200 छोटी मशीनों और आठ बड़ी मशीनों की खरीद कर रहा है।

स्वराज अभियान ने किया प्रदर्शन, विपक्ष ने श्वेत पत्र जारी करने की रखी मांग

मंत्री पद संभालते हुए ही पेयजल संकट से जूझ रहे पटेल नगर वासियों ने दिल्ली जल बोर्ड के झंडेवालान स्थित मुख्यालय का घेराव कर दिया। स्वराज इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष अनुपम ने कार्यकर्ताओं के साथ जोरदार प्रदर्शन के साथ ही जल संकट के समाधान की मांग की। प्रदर्शन में आप की पूर्व विधायक वीणा आनंद भी शामिल हुईं।

अनुपम ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने पानी पर देश भर में अपना प्रचार प्रसार किया है, जबकि दुखद सच ये है कि जलापूर्ति को दिल्ली सरकार की सबसे बड़ी विफलताओं में गिना जाना चाहिए। आप सरकार भी मानती है कि जल बोर्ड में भ्रष्टाचार है जिसके कारण मंत्री कपिल मिश्रा को हटाया अब राजेन्द्र पाल गौतम को हटाकर केजरीवाल ने मंत्री पद संभाला है।

वहीं प्रदेश भाजपा ने मांग की है कि केजरीवाल सरकार जल बोर्ड के गत 30 माह के क्रियाकलापों पर श्वेत पत्र लाये और दिल्ली की जनता को बताए।

प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि यह कहना अतिश्योक्ति नही होगा की जल बोर्ड की योजनाओं में जाने वाले हर रुपये में से 80 से 90 पैसे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते हैं जो राजनीतिक संरक्षण के बिना मुमकिन नही और आज इसके लिये अरविंद केजरीवाल सरकार जिम्मेदार हैं। जल मंत्री का बार-बार बदला जाना जनता को गुमराह करने और भ्रष्टाचार से ध्यान भटकाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का जल बोर्ड भ्रष्टाचार का एक बडा अड्डा है और इसका इस से बडा कोई प्रमाण नही हो सकता की खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसी वर्ष में दूसरी बार कहा है की जल बोर्ड में सब कुछ ठीक नही है और आज पुण: जल विभाग मे मंत्री परिवर्तन किया है।

उन्होंने पूरे मामले में उपराज्यपाल से मिलकर शिकायत करने को कहा।


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