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सीसीटीवी विवाद पर एलजी दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीसीटीवी मसले को लेकर अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ उपराज्यपाल के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठक गए

सीसीटीवी विवाद पर एलजी दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे केजरीवाल
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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीसीटीवी मसले को लेकर अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ उपराज्यपाल के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठक गए। वे सीसीटीवी मसले को लेकर राज्यपाल से मिलने गए थे, लेकिन उन्होंने मिलने से मना कर दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में फरवरी 2015 में शपथ लेने के बाद केजरीवाल पहली बार सड़क पर धरने पर बैठे।

केजरीवाल के साथ आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक उनके निवास से पैदल चलकर उपराज्यपाल से मिलने राजनिवास पहुंचे। मगर, उपराज्यपाल ने जब उनसे मिलने से मना कर दिया तो वे वहीं सड़क पर बैठ गए।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर उनसे सीसीटीवी लगाने के मसले पर सोमवार दोपहर बाद तीन बजे मंत्रियों और विधायकों से मिलने के लिए समय मांगा था।

सिसोदिया ने आईएएनएस से कहा, "हमारी चुनी हुई सरकार है और हम एलजी से मिलना चाहते हैं। भारतीय जनता पार्टी के विधायक अल्पकालिक नोटिस पर उनसे मिलते हैं तो वह हमसे क्यों नहीं मिल सकते हैं? हम उनसे मिलना चाहते हैं। यह दिल्ली की महिलाओं के लिए जरूरी मसला है।"

प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे केजरीवाल ने कहा, "समिति में दिल्ली सरकार का एक भी सदस्य नहीं है। हम उनसे मिलकर आग्रह करना चाहते हैं कि हमारी बेटियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं होनी चाहिए।"

सड़क पर बैठे विधायक भाजपा और एलजी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। प्रदर्शनकारी इस बात पर अड़े थे कि जबतक एलजी उनसे मिलने को सहमत नहीं होंगे तबतक वे वहां से नहीं हटेंगे।

बैजल ने पिछले मंगलवार को एक समिति का गठन किया, जो सीसीटीवी लगाने, उसका संचालन व निगरानी करने की मानक संचालन पक्रिया तैयार करेगी।


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