अधिकारियों और उपराज्यपाल के खिलाफ अब जनता में मोर्चाबंदी कर रहे हैं केजरीवाल
दिल्ली के उपराज्यपाल और अधिकारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जनता में खुली चुनौती देने व उनकी खिल्ली उड़ाने से नहीं चूंकते
नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल और अधिकारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जनता में खुली चुनौती देने व उनकी खिल्ली उड़ाने से नहीं चूंकते। आज दिल्ली विद्युत बोर्ड के पेंशनधारकों के एक कार्यक्रम में भी यह खूब दिखा और उन्होंने पेंशनधारकों की कैशलेस इलाज व्यवस्था लागू करने से पहले किसी अधिकारी के रोके जाने पर कहा किसी अधिकारी ने इस में अड़ंगा लगा दिया है। मैं तो रोजाना इनसे लड़ रहा हूं, ऐसा लगता है कि जैसे सचिवालय में विकास अड़ा पड़ा है, फाईलें वहीं घूमती रहती हैं। मैं 20 अस्पतालों में कैशलेस सभी बीमारियों की इलाज की व्यवस्था कर दूंगा एक-दो चक्कर काट कर आप लोग करवा लेना।
श्री केजरीवाल ने कहा कि मैं ठेकेदारी प्रथा को मानवता का शोषण मानता हूं, क्योंकि ठेकेदार सबसे पहले रिश्वत लेकर नौकरी देता है फिर वेतन में भी कटौती करता है। कोई अवकाश् नहीं मिलता, जायज-नाजायज काम करवाया जाता है आदमी आवाज नहीं उठाता। मैं इसे बंद करना चाहता हूं, सच तो यह है कि पूरी सरकार होती तो चौबीस घंटे में कर्मचारियों को पक्का कर देता।
इतना ही नहीं उन्होंने आईएएस अधिकारियों पर हमला बोला कि काम करने का क्राइटएरिया हो तो सभी आईएएस अधिकारियों को कच्चा कर देता क्योंकि इनमें नब्बे प्रतिशत काम नहीं करते। उन्होंने कानून का हवाला देते हुए इंडियन लेबर एग्रीमेंट एक्ट की धारा 10 में है कि चौबीस घंटे वाले काम में कच्चे आम आदमी को नहीं रख सकते हैं। श्रम विभाग को कहा है कि अधिसूचना निकालों लेकिन भाजपा, कांग्रेस सब इस पर लग गए हैं।
उन्होंने कहा कि श्रम विभाग कर ही नहीं रहा, अधिकारी बोले उपराज्यपाल को पास भेजना है, मैंने कहा भेजो और अगर एलजी साहब मना कर दें तो खटिया खड़ा कर देंगे। देखा होगा आपने अतिथि शिक्षकों को पक्का करने का आदेश हमने पारित कर दिया है अब उपराज्यपाल जाने और शिक्षक जाने। आप भी जब एलजी साहब अड़चन करें तो अपने आप निपट लेना। मैने तय किया है कि सब कुछ अपनी तरफ से भेज दूंगा फिर देखते हैं कैसे रोकते हैं, इनकी हिम्मत नहीं होगी।
सरकार में रहने का डर भी केजरीवाल को दिखा इसीलिए वह कहते हैं-'भगवान से पूजा करके मांगना कि हमारी सरकार ठीक ठाक चलती रहे। बहुत काम कर रहे हैं लेकिन बात नहीं पहुंच रही है आप लोगों को बताएं। दरअसल दिल्ली की वितरण कंपनियों से पहले दिल्ली विद्युत बोर्ड के 21500 पेश्ंानधारक हैं और कंपनियां इनके लिए बने ट्रस्ट को पैसा नहीं दे रही हैं। सरकार ने इस पर बिजली बिल पर सरचार्ज लगाकर जनता की जेब से इस ट्रस्ट में धनराशि का जुगाड़ करवा दिया है। इस पर उन्होंने कहा कि अब ट्रस्ट में पैसे की कमी कभी नहीं रहेगी और जब बिजली के दाम बढ़ेंगे ट्रस्ट की जमाराशि भी बढ़ेगी।


