Top
Begin typing your search above and press return to search.

केजरीवाल ने किया देश के पहले स्मॉग टावर का उद्घाटन

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ‘प्रदूषण के खिलाफ युद्ध’ को और प्रभावी बनाने और दिल्ली को प्रदूषित हवा से मुक्ति दिलाने के लिए सोमवार को कनॉट प्लेस में देश के पहले स्मॉग टावर का उद्घाटन किया

केजरीवाल ने किया देश के पहले स्मॉग टावर का उद्घाटन
X

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ‘प्रदूषण के खिलाफ युद्ध’ को और प्रभावी बनाने और दिल्ली को प्रदूषित हवा से मुक्ति दिलाने के लिए सोमवार को कनॉट प्लेस में देश के पहले स्मॉग टावर का उद्घाटन किया।

श्री केजरीवाल ने दिल्ली के बाबा खड़क सिंह मार्ग पर स्थापित वायु शोधन प्रणाली स्मॉग टावर का उद्घाटन के बाद दिल्ली वालों को बधाई देते हुए कहा कि प्रदूषण के खिलाफ युद्ध में दिल्ली ने देश के पहले स्मॉग टावर की शुरुआत की है। अमेरिकी तकनीक से बना यह स्मॉग टावर हवा में प्रदूषण की मात्रा को कम करेगा। पायलट आधार पर शुरू हुए इस प्रोजेक्ट के नतीजे बेहतर रहे, तो पूरी दिल्ली में ऐसे और स्मॉग टावर लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आज तक देश में ऐसा टावर लगाकर प्रदूषित हवा को साफ करने का कभी प्रयास नहीं किया गया। हमारा यह नया कदम मील का पत्थर साबित होगा।

उन्होंने कहा, “हम लोगों ने इस तकनीक को अमेरिका से आयात किया है। यह 24 मीटर ऊंचा टावर है। यह स्मॉग टॉवर ऊपर से आसपास के एक किलोमीटर के दायरे की हवा को खींचेगा और फिर उस हवा को साफ करेगा। इसके बाद इसमें नीचे जो पंखे लगे हैं, यह पंखे उस शुद्ध हवा को नीचे बाहर छोड़ेगा। इसकी क्षमता लगभग एक हजार घन मीटर प्रति सेकेंड है। यानि यह स्मॉग टॉवर एक हजार घन मीटर हवा प्रति सेकेंड साफ करके बाहर छोड़ेगा। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि आसपास के एक किलोमीटर के दायरे के अंदर की हवा को यह साफ कर पाएगा।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “चूंकि यह नई तरह की तकनीक है, इसलिये इसको प्रायोगिक तौर पर देखा जा रहा है। हम लोग आने वाले समय में इसके ऊपर लगातार निगरानी रखेंगे। आईआईटी दिल्ली और आईआईटी बॉम्बे के लोग इस डाटा का विश्लेषण करेंगे और यह बताएंगे कि यह स्मॉग टावर प्रदूषित हवा को साफ करने में कितना प्रभावी है। अगर यह प्रयोग काफी प्रभावी होता है, तो फिर इस तरह के कई अन्य स्मॉग टावर पूरे दिल्ली में लगाए जा सकते हैं। टाटा प्रोजेक्ट्स ने इसको बनाया है और एनबीसीसी ने कंसल्टेंसी दी है। साथ ही, यह आईआईटी दिल्ली और आईआईटी बॉम्बे की देखरेख में दिल्ली सरकार ने बनवाया है। मैं दिल्ली के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं कि यह बहुत अच्छा प्रयास है।”

श्री केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ सालों में दिल्ली में हर क्षेत्र में प्रयास हुए, उनमें हवा को साफ करने के भी काफी प्रयास हुए हैं। वर्ष 2014 में जितना प्रदूषण होता था। उस समय पीएम-10 और पीएम 2.5 का जो स्तर था, वह अब काफी घट गया है। जैसे पीएम-2.5 ही 2014 में 150 के करीब था और अब घट कर 100 के करीब आ गया है। उसी तरह, पीएम-10 भी 300 के करीब था और अब घट कर 150 के करीब आ गया है। इस तरह, पीएम-10 और पीएम-2.5 पहले से काफी कम हुआ है।

उन्होंने कहा, “दिल्ली के लोगों ने मिल कर कई सारे कदम उठाए हैं। आज यह जो कदम उठाया गया है, मैं समझता हूं कि यह एक बहुत बड़ा मील का पत्थर साबित होगा।नए-नए प्रयास करने चाहिए। हमने यह नया प्रयास किया है और अगर यह सफल होता है, तो इस तरह के और कई सारे लगा सकते हैं। अगर यह सफल नहीं होता है, तो फिर दूसरी कोई तकनीक लेकर आएंगे। इसके डाटा का विश्लेषण अभी से शुरू हो जाएगा। माना जा रहा है कि दो साल तक इसका विश्लेषण करेंगे लेकिन प्रारंभिक रुझान एक महीने बाद आने शुरू हो जाएंगे।”

इस दौरान दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि बारिश खत्म होते ही स्मॉग टावर को पूरी क्षमता के साथ चालू कर दिया जाएगा। उसके बाद आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञ इसका विश्लेषण करेंगे और उनकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई करेंगे। दिल्ली सरकार प्रदूषण के खिलाफ बहुत सारे मोर्चों पर काम कर रही है। लेकिन इसकी सफलता के आंकलन के बाद हमें एक तकनीकी सपोर्ट मिलेगा। इसके आधार पर दिल्ली के अन्य जगहों पर भी हम इस तरह के टॉवर लगा सकेंगे।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम भी स्मॉग टॉवर के प्रभावशीलता के बारे में आंकलन कर रहे हैं। चूंकि देश में पहली बार यह टॉवर लगाया गया है। इस पर सबका अपना अनुमान है। कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि इससे प्रदूषण कम हो सकता है। हमने सकारात्मक सोच के साथ पहल की है। अगर परिणाम अच्छे आएंगे, तो हम इस तरह के कई और टावर लगाएंगे और अगर परिणाम अच्छे नहीं आते हैं, तो और तकनीक तलाशेंगे। इसके अलावा प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार हर फील्ड में काम कर रही है, जिसका परिणाम है कि दिल्ली में प्रदूषण घटा है और आगे भी हम इस पर लगातार काम करते रहेंगे।

इस दौरान दिल्ली के पर्यावरण विभाग, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी बॉम्बे समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम दिल्ली पर्यावरण विभाग के दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति द्वारा आयोजित किया गया।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it