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मानसिक संतुलन खो चुके हैं केजरीवाल : सुधांशु त्रिवेदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर अरविंद केजरीवाल और भाजपा के बीच राजनीतिक घमासान और बयानबाजी लगातार जारी है

मानसिक संतुलन खो चुके हैं केजरीवाल : सुधांशु त्रिवेदी
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर अरविंद केजरीवाल और भाजपा के बीच राजनीतिक घमासान और बयानबाजी लगातार जारी है।

भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने केजरीवाल पर अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए डिग्री के मुद्दे पर स्वांग रचने का आरोप लगाते हुए कहा है कि केजरीवाल अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं और पूरी तरह से विक्षिप्त हो गए हैं। पता नहीं क्या-क्या उल्टा सीधा बोलते जा रहे हैं। भाषा की निम्नता पर आ रहे हैं और कोर्ट से फटकार भी खा रहे हैं। त्रिवेदी ने कहा कि केजरीवाल ने जिस तरह की भाषा, भाषा शैली और भाव भंगिमा का इस्तेमाल किया है वो निम्नतम स्तर की है।

भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सीबीआई की अदालत ने कल दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए जो टिप्पणी की है, उससे अब तत्थ्यों के साथ यह सामने आ रहा है कि केवल मनीष सिसोदिया ही नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी के अन्य लोग भी भ्रष्टाचार के द्वारा शराब नीति को प्रभावित करने के जिम्मेदार थे। इसलिए उन्होंने भ्रष्टाचार के मामले को छिपाने के लिए स्वांग रचा और प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री का मामला उठाया जबकि हकीकत में यह मामला प्रधानमंत्री की डिग्री का नहीं बल्कि अरविंद केजरीवाल के भ्रष्टाचार का है। इस विषय को लेकर उन्हें एक बार फिर गुजरात में कोर्ट ( हाई कोर्ट ) से फटकार लगी है। इससे पहले भी वो कई बार अनेक विषयों पर कोर्ट की डांट खा चुके हैं, माफी मांग चुके हैं। उन्होंने कहा कि जो तथ्य पब्लिक डोमेन में है, यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर है, उसे मांगने के लिए कोर्ट जाना, अदालत का समय बर्बाद करना और संवैधानिक नियमों का दुरुपयोग करना है।

केजरीवाल पर अपनी बात और अपने कसम से पलटने का आरोप लगाते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कटाक्ष किया कि केजरीवाल पढ़े-लिखे जरूर है लेकिन किसी फाइल पर लिखते नहीं है बल्कि दूसरों से लिखवाते हैं ताकि वह व्यक्ति फंसे। उन्होंने आगे कहा कि भारत में लोकतंत्र और न्याय व्यवस्था के अपमान एवं तिरस्कार की सभी सीमाएं विपक्षी दल लांघते जा रहे हैं।


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