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केजरीवाल से नीति आयोग की बैठक में शामिल होने को कहा था : अमिताभ कांत

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस आरोप का खंडन किया जिसमें उन्होंने कहा था कि आयोग की चौथी शासी परिषद बैठक में उपराज्यपाल बैजल उनकी जगह शामिल होंगे

केजरीवाल से नीति आयोग की बैठक में शामिल होने को कहा था : अमिताभ कांत
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नई दिल्ली। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ)अमिताभ कांत ने रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस आरोप का खंडन किया जिसमें उन्होंने कहा था कि आयोग की चौथी शासी परिषद बैठक में उपराज्यपाल अनिल बैजल उनकी जगह शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि केजरीवाल से बार बार बैठक में शामिल होने के लिए कहा गया था।

कांत ने बैठक के बाद एक प्रेस वार्ता में कहा, "अरविंद केजरीवाल को अन्य सभी मुख्यमंत्रियों की तरह आमंत्रित किया गया था। हमने उनसे बार बार बैठक में आने के लिए कहा था लेकिन उनकी तरफ से कोई संपर्क नहीं किया गया।"

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उपराज्यपाल बैठक में शामिल नहीं हो सकते क्योंकि वह नीति आयोग की शासी परिषद के सदस्य नहीं हैं।

कांत ने कहा कि केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था कि उपराज्यपाल बैठक में उपस्थित हैं इसलिए हम ट्वीट के माध्यम से स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि वह बैठक में उपस्थित नहीं थे।

केजरीवाल ने सुबह बैठक में उनकी जगह उपराज्यपाल की मौजूदगी को लेकर सवाल उठाए थे।

केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था, "संविधान के किस प्रावधान के तहत उपराज्यपाल को मुख्यमंत्री की जगह लेने का अधिकार है? मैंने उन्हें अपनी जगह जाने का अधिकार नहीं दिया था।"

इस पर अमिताभ कांत ने जवाब दिया, "यह पूरी तरह से गलत है। दिल्ली के उपराज्यपाल नीति आयोग की गर्वनिंग काउंसिल की चौथी बैठक में शामिल नहीं हुए।"

केजरीवाल बैठक में शामिल नहीं हुए क्योंकि वह अपने तीन कैबिनेट मंत्रियों के साथ सोमवार से उपराज्यपाल कार्यालय में धरना दे रहे हैं।

केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन व गोपाल राय के साथ बीते सोमवार से ही राजनिवास में लगातार धरना पर बैठे हैं। वह उपराज्यपाल से मांग कर रहे हैं कि वह दिल्ली प्रशासन में कार्यरत आईएएस अधिकारियों को 'अघोषित हड़ताल' खत्म करने का आदेश दें। केजरीवाल का आरोप है आईएएस अधिकारियों ने भाजपा के दबाव में अघोषित हड़ताल कर रखी है।

उनकी केंद्र सरकार से मांग है कि दिल्ली में गरीबों को उनके घरों पर राशन पहुंचाने के उनकी सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दी जाए।


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