जलभराव की समस्या को केजरीवाल सरकार जिम्मेदार
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने दिल्ली की चरमराई सीवर व्यवस्था पर कहा है कि देश की राजधानी दिल्ली में 40 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में सुचारू सीवर की व्यवस्था नहीं है
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने दिल्ली की चरमराई सीवर व्यवस्था पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि देश की राजधानी दिल्ली में 40 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में सुचारू सीवर की व्यवस्था नहीं है।
कांग्रेस व आम आदमी पार्टी की सरकारें पिछले 19 वर्षों में दिल्ली में मूलभूत नागरिक सेवाएं देने में पूरी तरह से विफल रही हैं। गुप्ता नेे कहा कि मुख्य सचिव द्वारा गठित कमेटी ने अपनी 18 पन्नों की रिपोर्ट में दिल्ली में जलभराव की समस्या के लिए सीवर समस्या को जिम्मेदार माना है। कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार बहुत बड़ी संख्या में सीवरों को निकासी के लिए बरसाती नालों में जोड़ा गया है जिससे सीवर का पानी खुले में बहने से गंदगी व महामारियां फैल रही हैं। कई स्थानों पर बरसाती नालों को सीवरों से जोड़ा गया है। इससे बरसाती पानी जो यमुना में जाना चाहिए अकारण सीवर में मिलकर सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का बोझ बढ़ा रहे हैं। कुछ जगह पर सीवर का गंदा पानी बरसाती नालों में मिलाकर यमुना में बहाया जा रहा है।
जिससे यमुना में प्रदूषण बढ़ रहा है और दिल्ली के निवासी गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग नालों की सफाई करने में पूरी तरह विफल रहा है। विभाग द्वारा करोड़ों रुपए नालों को बनाने व उनके रख-रखाव के लिए खर्च किए जाते हैं किंतु इन नालों को मानकां के अनुसार न बनाए जाने के कारण यह पूरा जनधन बेकार जाता है क्योंकि इन नालों का ढ़लान इस तरह से बनाया जाता है कि उनमें पानी के बहाव में रुकावट आती है व पानी के ठहराव के कारण नालों में कीचड़ और गंदगी अधिक होती है। मुख्य सचिव द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट से यह साबित हो गया है कि दिल्ली में जलभराव की समस्या के लिए दिल्ली सरकार ही जिम्मेदार है। गुप्ता ने कहा कि सरकार मुख्य सचिव द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट में आए सुझावों पर तत्काल अमल करे जिससे कम से कम आने वाले समय में दिल्ली को जलभराव की समस्या से न जूझना पड़े तथा पर्यावरण में प्रदूषण की कमी लाई जा सके व यमुना को और मैली होने से बचाया जा सके।


