आरोप सच होते, तो मैं जेल में होता: केजरीवाल
दिल्ली संगठन को दोबारा खड़ा करने के लिए बुलाई गई बैठक में केजरीवाल ने कहा कि "लोग पूछ रहे है, मैं चुप क्यों हूं? बोल क्यों नहीं रहा? ऐसे बेकार आरोपों के ख़िलाफ़ क्या बोलूं, लोग विश्वास ही नहीं कर रहे
नई दिल्ली। आप के बागी नेता कपिल मिश्रा दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को भ्रष्टाचार के दलदल में घसीटते रहे। चंदे के चक्रव्यूह में फंसाने से लेकर केजरीवाल के साथ हवाला कारोबारियों का कनेक्शन तक निकाला, लेकिन बावजूद इसके केजरीवाल मौनी ही बने रहे। केजरीवाल को मौन साधना से बाहर निकालने के लिए जब कपिल मिश्रा ने शीतल बम फोड़ा, तो करीब 20 दिन बाद अपनों से मिले धोखे का दर्द केजरीवाल की जुबां पर आ ही गया।
दिल्ली संगठन को दोबारा खड़ा करने के लिए बुलाई गई बैठक में केजरीवाल ने कहा कि "लोग पूछ रहे है, मैं चुप क्यों हूं? बोल क्यों नहीं रहा? ऐसे बेकार आरोपों के ख़िलाफ़ क्या बोलूं, लोग विश्वास ही नहीं कर रहे, उन्होंने कहा कि "अगर ऊपरवाले को कुछ करवाना है तो वो आगे रास्ता दिखायेगा।
जब अपने धोखा देते हैं तो बहुत दर्द होता है। कपिल मिश्रा के आरोपों से आहत केजरीवाल ने कहा कि "अगर मुझपर लगाए जा रहे आरोपों में रत्ती भर भी सच होता तो आज मैं जेल में होता। दिल्ली एमसीडी चुनाव में की गई गलती को केजरीवाल दोहराना नहीं चाहते, इसके लिए अब वो अपने बिखरे कुनबे को समेटने में जुट गए है।केजरीवाल ने दिल्ली संगठन की बैठ बुलाई थी। इस बैठक में आम आदमी पार्टी के बड़े-बड़े नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री और विधायक शामिल थे।


