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राजनीति में  आने वाले युवाओं की योग्यता को ध्यान में रखना चाहिए: नायडू

वैंकेया नायडू ने देश में वंशवाद की राजनीति की कड़ी निंदा करते हुए आज कहा कि इसके बजाय राजनीति में प्रवेश करने वाले युवाओं की योग्यता एवं क्षमताओं को ध्यान में रखना चाहिए।

राजनीति में  आने वाले युवाओं की योग्यता को ध्यान में रखना चाहिए: नायडू
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बेंगलुरू। उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने देश में वंशवाद की राजनीति की कड़ी निंदा करते हुए आज कहा कि इसके बजाय राजनीति में प्रवेश करने वाले युवाओं की योग्यता एवं क्षमताओं को ध्यान में रखना चाहिए।

नायडू ने यहां “वंशवाद की राजनीति” विषय पर भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएस) के छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए वंशवाद की राजनीति अच्छी नहीं है।

यह एक घिनौनी प्रवृति है। अगर कोई परिवार राजनीति में है तो उसके लोगों के लिए इसमें विशेष स्थान नहीं होने चाहिए। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति बनने के बाद वह दलगत राजनीति से ऊपर हो गए हैं अौर वह बिना किसी पक्षपात के काम करेंगे। इससे पहले संस्थान का दौरा करने के बाद वह यहां की उन्नत स्वदेशी तकनीकों से काफी प्रभावित हुए और उन्होंने छात्रों, अध्यापकों तथा शोधार्थियों के कार्याें की जोरदार सराहना की।

नायडू ने छात्रों से देश की समृद्ध वैज्ञानिक विरासत से प्रोत्साहन लेने की अपील भी की। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने अनेक क्षेत्रों जैसे बुनियादी सुविधाओं के विकास,व्यापार प्रक्रिया को आसान बनाने, विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में सृजनात्मकता में जबरदस्त तरक्की की है और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में नवाचार ने अग्रणी भूमिका निभाई है।

नायडू ने कहा कि देश की 65 प्रतिशत अाबादी 35 वर्ष से कम आयु की है अौर हमें इस जनसांख्यिकीय लाभ का पूरा फायदा उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उभरते वैज्ञानिकों को परंपरागत सोच अौर बाधक तकनीकों से इतर काम करने को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और इससे समस्याओं का वैज्ञानिक समाधान खोजने में मदद मिलेगी जिसका लाभ विकास के क्षेत्र में होगा। इसे हासिल करने के लिए वैज्ञानिक संस्थानों में उपयुक्त माहौल का होना काफी जरूरी है।

नायडू ने कहा कि अकादमिक क्षेत्रों,औद्योगिक घरानों और सरकार को समाज के समक्ष अा रही चुनौतियों पर भी ध्यान देना चाहिए और आपस में मिलकर सहभागिता के जरिए इनका समाधान खोजने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा“ हमें एक दूसरे की क्षमताओं का निर्माण करने में सहयोगी बनना चाहिए और मिलकर काम करने की रणनीति अपनानी होगी । ऐसा करने से हम मजबूत विश्वास के साथ तेजी से आगे बढ़ पाएंगे।


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