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रेस्टोरेंट में खाना पैक करने में स्वास्थ्य और सुरक्षा का रखें ध्‍यान : केरल हाईकोर्ट

रेस्टोरेंट में खाना पैक करने के लिए बिना लेपित कागजों और अखबार के इस्तेमाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली एक याचिका पर केरल उच्च न्यायालय ने खाद्य सुरक्षा आयुक्त से जवाब देने को कहा है।

रेस्टोरेंट में खाना पैक करने में स्वास्थ्य और सुरक्षा का रखें ध्‍यान : केरल हाईकोर्ट
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कोच्चि । रेस्टोरेंट में खाना पैक करने के लिए बिना लेपित कागजों और अखबार के इस्तेमाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली एक याचिका पर केरल उच्च न्यायालय ने खाद्य सुरक्षा आयुक्त से जवाब देने को कहा है।

न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने कहा कि खाद्य आयुक्त को सभी रेस्टोरेंट में सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता सहित सभी प्रासंगिक पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए, भले ही वे कितने प्रतिष्ठित हों या नहीं।

कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा, "मेरा विचार है कि खाद्य सुरक्षा आयुक्त की इस संबंध में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। यदि पैकिंग के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्रियों की उचित निगरानी और पर्यवेक्षण नहीं किया जाता है तो नागरिकों का जीवन खतरे में है।"

कोर्ट ने बताया कि कोविड के बाद फूड पार्सल का वितरण बढ़ गया है।

आदेश में कहा गया है, "पैक्ड कंटेनरों में भोजन का वितरण बड़ी संख्या में बढ़ गया है।जिस तरीके से यह किया जाना है, उसके संबंध में कोई विशेष निर्देश उपलब्ध नहीं हैं।''

न्यायाधीश ने कहा कि यह मुद्दा एक गंभीर सार्वजनिक चिंता का विषय है, और इसलिए सक्षम अधिकारियों को तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

यह आदेश कंपोस्टेबल पेपर प्लेटों के निर्माता, अन्ना पॉलिमर के मालिक, नेबू थॉमस चेरियन की एक याचिका पर आया है।

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि अन्ना पॉलिमर को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा प्रमाणित किया गया था और खाद्य माइग्रेशन, खाद्य ग्रेड और ग्रीस-प्रूफ गुणों के लिए कठोर परीक्षणों से गुजरना पड़ा था।

याचिकाकर्ता ने बताया कि खाद्य सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण बेईमान निर्माताओं को खाद्य पैकेजिंग के लिए बिना लेपित कागजों और अखबारी कागजों का उपयोग जारी रखने की छूट मिलती है। जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए संभावित जोखिम पैदा होते हैं।

याचिकाकर्ता ने एफएसएसए 2006 और खाद्य सुरक्षा और मानक (पैकेजिंग) विनियम, 2018 को लागू करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की।

मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी।


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