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केसी त्यागी ने वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट को बताया सर्वोच्च, बंगाल में सुशासन की मांग

जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने वक्फ कानून, नेशनल हेराल्ड मामले और पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया

केसी त्यागी ने वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट को बताया सर्वोच्च, बंगाल में सुशासन की मांग
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नई दिल्ली। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने शनिवार को वक्फ कानून, नेशनल हेराल्ड मामले और पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया।

केसी त्यागी ने वक्फ कानून को लेकर कहा कि यह कानून संसद द्वारा पारित किया जा चुका है और इसकी व्याख्या का अधिकार केवल सुप्रीम कोर्ट के पास है। वक्फ कानून पर संसद और सुप्रीम कोर्ट की सीमाओं को लेकर बहस करने से देश का माहौल खराब होता है। अदालतों को अपना काम करने देना चाहिए। न्यायिक प्रक्रिया में अनावश्यक हस्तक्षेप से बचना चाहिए, ताकि न्यायपालिका स्वतंत्र रूप से काम कर सके।

नेशनल हेराल्ड मामले पर अपनी प्रतिक्रिया में त्यागी ने कहा कि यह मामला लंबे समय से न्यायालय में विचाराधीन है। उन्होंने इस तरह के मामलों पर नकारात्मक टिप्पणी करने से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। उन्हें बिना किसी दबाव या हस्तक्षेप के स्वतंत्र रूप से काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति पर बोलते हुए केसी त्यागी ने तृणमूल कांग्रेस की सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य में कानून का राज कायम करने में पूरी तरह विफल रही हैं। पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। यह एक गंभीर चिंता का विषय है,"

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जेडीयू अनुच्छेद 356 (राष्ट्रपति शासन) के दुरुपयोग का हमेशा विरोध करता रहा है। हम राष्ट्रपति शासन की जगह राज्य में सुशासन की स्थापना का समर्थन करते हैं। ऐसे में हम चाहते हैं कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था बहाल हो और सुशासन कायम हो।

वहीं दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर गांधी परिवार पर निशाना साधा। मनजिंदर सिंह सिरसा ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, "गांधी परिवार यह समझता है कि इस देश को लूटना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है, इसलिए कोई उनसे हिसाब भी नहीं मांग सकता है। नेशनल हेराल्ड न्यूज पेपर की स्थापना इस देश की आजादी के लिए की गई थी। मगर, गांधी परिवार को उसके शेयर अपने नाम कराने का कौन सा अधिकार है? एक कंपनी बनाई गई और फिर उसके माध्यम से शेयर अपने नाम कराए गए।''


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