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असम में बाढ़ का पानी कम होते ही वाहनों के लिए खुला काजीरंगा क्षेत्र

असम में बाढ़ की स्थिति में सुधार के बाद हल्के वाहनों और बसों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर काजीरंगा क्षेत्र से गुजरने की अनुमति देने का फैसला किया गया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में यह जानकारी दी

असम में बाढ़ का पानी कम होते ही वाहनों के लिए खुला काजीरंगा क्षेत्र
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गुवाहाटी। असम में बाढ़ की स्थिति में सुधार के बाद हल्के वाहनों और बसों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर काजीरंगा क्षेत्र से गुजरने की अनुमति देने का फैसला किया गया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में यह जानकारी दी।

सीएम सरमा ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “बाढ़ की स्थिति में सुधार के मद्देनजर आज से हल्के मोटर वाहनों और बसों को राष्ट्रीय राजमार्ग के काजीरंगा खंड से गुजरने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही क्षेत्र में गति प्रतिबंध लागू रहेगा और ट्रकों को केवल काफिले में ही चलने की अनुमति होगी।”

वहीं, एक अन्य एक्स पोस्ट में उन्होंने कहा कि बाढ़ के पानी के घटने का एक मुख्य संकेतक जानवरों का पलायन है। अच्छी खबर यह है कि हमारे थर्मल कैमरों ने बाढ़ का पानी कम होने के बाद से काजीरंगा में अधिक से अधिक हाथियों को अपने प्राकृतिक आवास की तरफ लौटते हुए देखा है।

दरअसल, असम भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है। बाढ़ के चलते जानमाल का काफी नुकसान हुआ है। असम के कछार, चिरांग, धुबरी, डिब्रूगढ़. गोलपारा और गोलाघाट समेत कई इलाके बुरी तरह बाढ़ की चपेट में हैं। हालांकि, पिछले कुछ दिनों के मुकाबले 24 घंटे के दौरान नदियों के जलस्तर में कमी दर्ज की गई है।

प्रशासन की ओर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगातार मदद पहुंचाई जा रही है। इसके अलावा बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत शिविर बनाए गए हैं जहां हजारों विस्थापित ठहरे हुए हैं।

इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने असम में बाढ़ के हालातों को लेकर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से प्रभावितों की मदद करने की अपील की थी। उन्होंने कहा था, "असम में बाढ़ की वजह से बड़ी संख्या में लोगों की मौत की खबर बहुत ही दुखद है। लाखों लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं और काजीरंगा में जानवरों की भी मृत्यु हुई है। हमारी संवेदनाएं असम के लोगों के साथ हैं।"


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