वन विभाग ने 24 बैगा परिवारों को भगाया जंगल से
कवर्धा ! संरक्षित बैगा जनजाति के 24 परिवार पर वन विभाग का कहर टूटा है रोजी रोटी व जान के खतरे के चलते ग्राम केसमर्दा का घर छोड़ बदौरा के जंगल मे

कवर्धा ! संरक्षित बैगा जनजाति के 24 परिवार पर वन विभाग का कहर टूटा है रोजी रोटी व जान के खतरे के चलते ग्राम केसमर्दा का घर छोड़ बदौरा के जंगल मे छ: माह से निवासरत बैगाओं को आज वन विभाग के अफसरो ने झोपड़ी तोडक़र पूरा सामान जप्त कर लिया है वहीं बैगा परिवार एकबार फिर सडक़ पर आ गये हैं।
कबीरधाम जिले के ग्राम केसमर्दा मे बालको बाक्साईड़ खदान मे जमीन अधिग्रहण के बाद उचित पूर्नवास न होने से 24 बैगा परिवार पिछले छ: महिने से घर छोडक़र बदौरा के जंग लमे पेड़ो के छांव मे शरण लिए हुए थे इसी बीच इन परिवारो ने 13 अप्रेल को जिला कलेक्टर व डीएफओ को ज्ञापन सौंप कर उक्त भूमि का भू अधिकार मांगा था अधिकार तो नही मिला इन परिवारो को लेकिन शनिवार को वन विभाग के अफसर और वन प्रंबधन समिति के सदस्य दलबल के साथ इन 24 बैगा परिवार पर कहर बरसाया है अश्लील शब्दो का प्रयोग कर रोजमर्रा के सभी समान सहित बैगाओ को ट्रेक्टर मे भर कर पंडरिया मे रहमानकांपा वन बेरियर के पास छोड़ दिया है।
घर छोड़ा रोजी रोटी के लिए - ग्राम केसमर्दा के 24 बैगा परिवार बालको के बाक्साईड खदान मे अपने काबिज जमीन को दिया था जिसके एवज मे स्थायी पूर्नवास बालको को करना था लेकिन पहाड़ मे बाक्साईड़ खदान के लाल पानी से फसल उत्पादित नही होता वहीं दूसरी ओर खदान मे ब्लास्टिंग होने से इन परिवारो के घर तक पत्थर उडक़र गिरता है जिससे जान जोखिम मे आ जाती है इसलिए यह परिवार बदौरा के जंगल मे पेड़ के नीचे जीवन जी रहे थे।
अफसर भाग रहे जिम्मेदारी से - बदौरा के जंगल मे वन विभाग के लोगो द्वारा 24 बैगा परिवारो के खिलाफ बेदखली की कार्रवाई तो कर दी है लेकिन इस मामले मे वन मंडलाधिकारी अब भी अपने आप को इस मामले से अनभिज्ञ बताते है वहीं दूसरी ओर जिला कलेक्टर कहते है कि वन विभाग का मामला है संबंधित से बात कर लेवें।
सरंक्षण की खुली पोल - संरक्षित बैगा जनजाति के लिए सरकारी संरक्षण के दावो की पोल खुलने लगी है बाक्साईड़ खदान मे जमीन देकर उचित पूर्नवास के अभाव मे 24 बैगा परिवार घर और गांव छोडक़र जंग लमे पेड़ की छांव तले पिछले छ: महिने से जीवन के साथ कड़ा संघर्ष कर रहे पर आज वन विभाग की कार्रवाई के बाद यह 24 बैगा परिवार रोजी रोटी और जान के खतरे के चलते घर छोड़ा जंग लमे शरण लिया लेकिन प्रशासन की सख्ती ने आज इन्हे सडक़ पर लाकर खड़ा कर दिया है।


