देशभर के बच्चों को कहानियों से जोड़ेगा 'कथा पोर्टल'
दिल्ली में मंगलवार को एक कथा पोर्टल का शुरू किया गया

नई दिल्ली। दिल्ली में मंगलवार को एक कथा पोर्टल का शुरू किया गया। दिल्ली सरकार का मानना है कि देश के तीस करोड़ बच्चों को कहानियों से जोड़ने वाला यह वेबपोर्टल काफी उपयोगी है। इससे बच्चों की पठन-क्षमता विकसित करने में मदद मिलेगी। पोर्टल की शुरूआत करते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "बचपन में ही बच्चों में कहानी पढ़ने की आदत पैदा करना काफी उपयोगी है। इससे उनकी पठन-क्षमता बढ़ती है। जो बच्चे पढ़ने में अटकते हैं, उनकी क्षमता कहानियों के माध्यम से बढ़ाई जा सकती है। यही कारण है कि हमने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में चुनौती और मिशन बुनियाद के माध्यम से बच्चों में पढ़ने का स्तर सुधारने के लिए कहानियों का उपयोग किया है।"
इन कोशिशों में कथा संस्थान ने काफी सहयोग किया है। अब ऐसी कहानियों को वेबपोर्टल के माध्यम से पूरी दुनिया तक पहुंचाया जा रहा है।
सिसोदिया ने कहा कि, "यह कथा पोर्टल एक बड़े सपने को पूरा करेगा। बचपन में पढ़ी और सुनी गई कहानियों से हमारा माइंडसेट बनता है। अगर कंप्यूटर की भाषा में बात करें, तो हमारे माइंडसेट की प्रोग्रामिंग में बचपन में पढ़ी या सुनी कहानियों की बड़ी भूमिका है। उन कहानियों की कुछ पंक्तियों का हमारे मन-मस्तिष्क पर असर हो जाता है। इसलिए कहानियों के माध्यम से बच्चों की क्षमता बढ़ाने की यह काफी महत्वाकांक्षी परियोजना है।"
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि, "हैप्पीनेस और एंटरप्रेन्योरशिप कुरिकुलम में भी हमने कहानियों का सहारा लिया। इसके कारण हमें बच्चों तक सकारात्मक संदेश पहुंचाने और उन्हें देश दुनिया की चुनौतियां समझने योग्य बनाने में मदद मिलती है।"
कोरोना और लॉकडाउन के कारण घरों में रहने के दौरान बच्चों को कहानियों के जरिए बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला। सिसोदिया ने कहा कि मैं ऐसे काफी बच्चों को जानता हूं जिन्होंने अपने पेरेंट्स से ऐसी कहानियां सुनीं। ऐसी कहानियों और स्मृतियों से बच्चों की सीखने समझने की क्षमता काफी बढ़ती है।
सिसोदिया ने कहा कि अलग-अलग उम्र, क्षेत्र और प्रोफाइल के लोग किस तरह की कहानियां पढ़ते हैं, इसकी जानकारी मिलना भी काफी उपयोगी होगा। इस मौके पर कथा की संस्थापक गीता धरमराजन, संपादक डॉ. शिल्पी सरकार तथा कार्यकारी निदेशक परविंदर कौर सहित अन्य लोग शामिल हुए।


