कश्मीरी पंडितों ने धारा 370 हटाए जाने पर जाहिर की खुशी
कश्मीर घाटी से निकाले गए हिंदू पंडितों ने आज जम्मू एवं कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने और राज्य से विशेष दर्जे को खत्म किए जाने के फैसले का स्वागत किया

नई दिल्ली। कश्मीर घाटी से निकाले गए हिंदू पंडितों ने आज जम्मू एवं कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने और राज्य से विशेष दर्जे को खत्म किए जाने के फैसले का स्वागत किया है। कश्मीरी पंडितों ने बताया कि इस निर्णय के बाद उन्हें उम्मीद है कि अब वह वापस अपने घर लौट पाएंगे।
जम्मू एवं कश्मीर विचार मंच के सदस्य मनोज भान ने कहा, "इस में कोई शक नहीं कि यह एक ऐतिहासिक और साहसिक निर्णय है। कश्मीर के लोग जल्दी ही भारत सरकार के नजदीक आ जाएंगे। इसके साथ ही बनाए गए दोनों नए केंद्र शासित प्रदेशों की अर्थव्यवस्थाओं में तेजी देखने को मिलेगी।"
पंडितों के दूसरे लीडर सतीश महालदार ने बताया, "एक ऐतिहासिक कदम उठाने के लिए हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को बधाई देनी चाहिए। मुझे उम्मीद है इस निर्णय के बाद हम घाटी में वापस जाने के अपने सपने को साकार कर पाएंगे।"
इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने घोषणा की कि राज्य से धारा 370 को खत्म किया जाएगा और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया जाएगा। पहला जम्मू एवं कश्मीर, जहां एक विधानसभा होगी और दूसरा लद्दाख जहां कोई विधानसभा नहीं होगी।
दोनों ही पंडितों के लीडरों ने बताया है कि इस कदम ने जम्मू एवं कश्मीर की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और क्षेत्र के इलाकों में उद्योग पनपेने में यह मदद करेगा।
महालदार ने कहा, "धारा 370 हटाए जाने के अलावा सरकार को चाहिए कि वह 30 साल पहले हुए नरसंहार की जांच के लिए एक एसआईटी जांच कराए।"
उन्होंने कहा, "हमारी मांग है कि अपराध के लिए आरोपियों को सजा मिलनी ही चाहिए। कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास का आश्वासन दिया जाना चाहिए।"
हथियार बंद अलगाववादियों द्वारा जम्मू एवं कश्मीर को भारत से अलग किए जाने की मांग के बाद 1989 में हजारों कश्मीरी पंडित घाटी से भाग आए थे।


