कश्मीरी लॉ ग्रेजुएट को चाहिए मां-बाप का सुराग
कश्मीर के एक लॉ ग्रेजुएट ने अपने परिवार का सुराग पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है। वह कई दिनों से अपने परिवार से संपर्क नहीं कर पा रहा है

नई दिल्ली। कश्मीर के एक लॉ ग्रेजुएट ने अपने परिवार का सुराग पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है। वह कई दिनों से अपने परिवार से संपर्क नहीं कर पा रहा है और उसे डर है कि कहीं उसके परिवार को हिरासत में तो नहीं रखा गया है! जामिया मिलिया इस्लामिया से लॉ ग्रेजुएट मोहम्मद अलीम सैयद यहां एक वकील की शार्गिदी में काम कर रहे हैं। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि 4-5 अगस्त के बीच की रात से ही उन्हें कश्मीर में अपने माता-पिता और भाई के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि इंटरनेट और दूरसंचार पूरी तरह से बंद होने के कारण किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं मिल रही है।
संसद ने 6 अगस्त को राष्ट्रपति के आदेश का समर्थन करनेवाला एक संशोधन विधेयक पारित किया, जिसके बाद अनुच्छेद 370 बेमानी हो गया और राज्य को जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया।
सैयद ने इस साल इंटरनेट, फोन लाइन, टीवी और सोशल मीडिया समेत संचार के अन्य साधनों को बंद करने के 53 उदाहरणों का हवाला दिया। उन्होंने याचिका में कहा कि वर्तमान में लागू कठोर नीति का कोई कानूनी आधार नहीं है और यह जम्मू और कश्मीर के इतिहास में सबसे कठोर है।
उन्होंने कहा कि संचार पर रोक और आवाजाही पर रोक लगाना संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत आवाजाही और अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार का हनन है। उन्होंने कहा कि घाटी में हिंसा और हत्या की अफवाहें गर्म हैं। कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पा रही है।


