Top
Begin typing your search above and press return to search.

स्कूलों के खुलने से कश्मीर में खुशी की लहर

श्रीनगर ! कश्मीर घाटी के लिए आठ महीने बाद स्कूलों का खुलना एक भावुक क्षण साबित हुआ है।

स्कूलों के खुलने से कश्मीर में खुशी की लहर
X

श्रीनगर ! कश्मीर घाटी के लिए आठ महीने बाद स्कूलों का खुलना एक भावुक क्षण साबित हुआ है।

कश्मीर घाटी में सरकारी और निजी स्कूलों में शिक्षक और अन्य स्टाफ बच्चों का ऐसे इंतजार कर रहे थे जैसे अतीत में वह किसी बड़ी हस्ती (वीआईपी) के आने की सूचना मिलने पर उस हस्ती का किया करते थे। उत्साह और रोमांच हर तरफ बिखरा नजर आ रहा था।

बच्चे स्कूल बसों से निकलकर पहले स्कूल में भागकर पहुंचने के लिए एक-दूसरे से होड़ करते दिखे। सभी को अपने दोस्तों से मिलने की बेकरारी थी जिनसे मिले आठ महीने गुजर चुके थे।

पुराने श्रीनगर में एक सरकारी स्कूल में कक्षा आठ में पढ़ने वाले मोहसिन ने कहा, "ऐसा लग रहा है कि मैं सालों के बाद स्कूल आया हूं। कुछ बदला नहीं है। बस, हमारे कुछ पुराने शिक्षकों का तबादला कहीं और हो गया है।"

अभिभावक स्वाभाविक रूप से राहत की सांस लेते देखे गए।

बडगाम जिले के निवासी मुश्ताक अहमद ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि सभी लोग स्कूलों को सामान्य रूप से चलने देंगे। मेरा बेटा सुबह 5 बजे ही उठ गया। उसकी मां ने उसे तैयार किया, टिफिन बनाया।"

अहमद ने कहा, "सभी से मेरी गुजारिश है कि बराए मेहरबानी, तालीम को अपने सियासी एजेंडे से अलग रखें। स्कूलों को आम दिनों की तरह चलने दें, बच्चों को अच्छे से पढ़ने दें ताकि वे इम्तेहान की तैयारी कर सकें।"

कक्षा 10 और 12 की परीक्षाएं हुई थीं। बाकी, प्राइमरी से लेकर नौवीं तक के बच्चों को अगली कक्षा में एक साथ प्रमोट कर दिया गया था।

बीते साल 8 जुलाई को हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद भड़की हिंसा में सभी स्कूल-कालेज-विश्वविद्यालय बंद कर दिए गए थे।

बीते साल के अंत तक कालेज और विश्वविद्यालय तो खुल गए थे, लेकिन अशांति के कारण स्कूल नहीं खुल सके थे।

श्रीनगर के पॉश राजबाग इलाके के अब्दुल माजिद भट ने कहा कि बेटे का स्कूल खुलने पर घर में जश्न मनाया गया। भट ने आईएएनएस से कहा, "आज (बुधवार को) वह अपने स्कूल गया है। अल्लाह से दुआ कर रहा हूं कि पिछले साल के भयावह हालात का सामना परिवार को फिर न करना पड़े।"

श्रीनगर में ट्रैफिक जाम हमेशा से लोगों का पारा गरम करने की वजह बनता रहा है। लेकिन, बुधवार को स्कूली बसों से लगने वाले इसी जाम को स्थानीय लोगों ने किसी दर्शनीय दृश्य की तरह देखा।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it