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'चिल्लेकलां' से पहले ही ठंड से ठिठुरी कश्मीर घाटी

कश्मीर में अभी चिल्लेेकलां (भयानक सर्दी का मौसम) का आगमन नहीं हुआ है पर कश्मीरी अभी से ठंड से चिल्लाने लगे हैं

चिल्लेकलां से पहले ही ठंड से ठिठुरी कश्मीर घाटी
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- सुरेश एस डुग्गर

जम्मू। कश्मीर में अभी चिल्लेेकलां (भयानक सर्दी का मौसम) का आगमन नहीं हुआ है पर कश्मीरी अभी से ठंड से चिल्लाने लगे हैं। ऐसे में उन्हेंं चिंता है कि इस बार चिल्लेेकलां के दौरान कितनी भयानक सर्दी पड़ेगी। ऐसा ही कुछ हाल लद्दाख का है जहां लेह में तापमान शून्य से 8 डिग्री नीचे चला गया है तो द्रास में यह शून्य से 12 डिग्री नीचे है।

दरअसल कश्मीरियों के लिए समय चक्र बदलने लगा है। माना कि आतंकवादी गतिविधियों से उन्हें फिलहाल पूरी तरह से निजात नहीं मिल पाई है लेकिन कुदरत के बदलते चक्र ने उनकी झोली खुशियों से भरनी आरंभ कर दी है। यही कारण है कि अब कश्मीर में चिल्लेेकलां के प्रथम दिन ही होने वाली बर्फबारी से कश्मीर घाटी चिल्ला उठती है क्योंकि चिल्लेेकलां की शुरूआत भयानक सर्दी से होती है।

कश्मीर और लद्दाख के ज्यादातर हिस्सों में पारा शून्य से नीचे चला गया है। पहलगाम कश्मीर सोमवार को घाटी का सबसे ठंडा स्थान रहा। श्रीनगर में आज सुबह धुंध छाई हुई थी जबकि पिछली रात यहां शून्य से 2.1 डिग्री सेल्सियस कम तापमान के मुकाबले शून्य से 1.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। वहीं मौसम विभाग का कहना है कि फिलहाल इस सप्ताह तक जम्मू कश्मीर में शुष्क मौसम ही रहेगा।

सात दिसंबर तक मौसम में कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा है। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पानी जमा देने वाली सर्दी पड़ रही है। यहां लेह में न्यूनतम तापमान शून्य से 8.0 डिग्री सेल्सियस नीचे जबकि द्रास में पारा शून्य से 12.1 डिग्री सेल्सियस नीचे रिकार्ड किया गया।

जम्मू में भी ठंडी हवाओं से रात के तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। मौसम कार्यालय के अनुसार न्यूनतम तापमान और गिर सकता है क्योंकि मौसम के सात दिसंबर तक शुष्क रहने की संभावना है।

दक्षिण कश्मीर में वार्षिक अमरनाथ यात्रा के आधार शिविर में से एक पहलगाम पर्यटक रिसार्ट में तापमान शून्य से 3.4 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा और यह घाटी में सबसे ठंडा स्थान रहा।

उत्तर कश्मीर के बारामुला जिले में मशहूर स्की-रिसार्ट गुलमर्ग में पारा शून्य से 1.0 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। फिलहाल सर्दी से कोई राहत भी नहीं मिल पा रही है।

अनुमान इस बार का यह है कि सर्दी अपना भयानक रूप दिखा सकती है। वैसे भी कुछ सालों से मौसम की पश्चिमी गड़बड़ियों के कारण कश्मीर कभी बर्फीले सुनामी के दौर से गुजरता है तो कभी बाढ़ से कश्मीरियों को सामना करना पड़ रहा है।


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