कश्मीर एक राजनीतिक समस्या, सैन्य विकल्प से समाधान संभव नहीं: महबूबा
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष एवं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घाटी में केन्द्रीय पुलिस बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात करने संबंधी केंद्र सरकार के निर्णय पर

श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष एवं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घाटी में केन्द्रीय पुलिस बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात करने संबंधी केंद्र सरकार के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य की समस्या एक राजनीतिक समस्या है जिसका समाधान सैन्य तरीकों के जरिये नहीं निकाला जा सकता।
सुश्री मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा कि राज्य में 10 हजार अतिरिक्त केन्द्रीय पुलिस बलों की तैनाती के निर्णय से राज्य के लोग काफी डरे हुए हैं और तनाव की स्थिति है। केंद्र सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार कर इसमें सुधार करना चाहिए।
सुश्री मुफ्ती ने ट्वीट किया, “ घाटी में 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात करने के केन्द्र के फैसले से लोग डरे हुए हैं। कश्मीर में सुरक्षाबलों की कोई जरुरत नहीं है। जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जिसका समाधान सैन्य तरीकों से नहीं निकाला जा सकता। भारत सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार कर इसमें सुधार करना चाहिए।”
Centre’s decision to deploy additional 10,000 troops to the valley has created fear psychosis amongst people. There is no dearth of security forces in Kashmir. J&K is a political problem which won’t be solved by military means. GOI needs to rethink & overhaul its policy.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) July 27, 2019
गृह मंत्रालय के केन्द्रीय पुलिस बलों को जारी आदेश में राज्य में अर्द्धसैनिक बलों की 100 कंपनियां तैनात करने को कहा गया है। इनमें से 50 कंपनी केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल , 30 सशस्त्र सीमा बल और दस-दस सीमा सुरक्षा बल तथा भारत तिब्बत सीमा पुलिस की होंगी।
मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि राज्य में ‘आतंकवाद रोधी ग्रिड’ को मजबूत बनाने और कानून व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के लिए अतिरिक्त बलों की तैनाती की जा रही है।


