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बहुचर्चित जवाहर हत्याकांड में करवरिया बंधुओं को आजीवन कारावास

अदालत(गैंगस्ट एक्ट) के अपर सत्र न्यायाधीश(पांचम) बद्री विशाल पांडे ने आरोपित पक्ष करवरिया बंधु एवं शासन के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनकर यह आदेश दिया।

बहुचर्चित जवाहर हत्याकांड में करवरिया बंधुओं को आजीवन कारावास
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प्रयागराज । प्रयागराज की एक अदालत ने समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक जवाहर यादव उर्फ पंडित हत्याकांड में करवरिया बंधुओं समेत चारों आरोपियों को सोमवार को आजीवन कारावास की सजा के साथ सात लाख 20 हजार रूपये जुर्माने लगाया।

विशेष अदालत(गैंगस्ट एक्ट) के अपर सत्र न्यायाधीश(पांचम) बद्री विशाल पांडे ने आरोपित पक्ष करवरिया बंधु एवं शासन के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनकर यह आदेश दिया।

23 वर्ष पूर्व हुए बहुचर्चित पूर्व सपा विधायक जवाहर यादव उर्फ पंडित हत्याकांड में 31 अक्टूबर को फैसला सुनाते हुए करवरियों बंधुओं कपिल मुनि करवरिया (पूर्व सांसद), उदय भान करवरिया( पूर्व सदस्य,विधानसभा,) सूरज भान करवरिया (पूर्व सदस्य विधान परिषद स्थानीय निकाय क्षेत्र इलाहाबाद) एवं राम चंद्र त्रिपाठी उर्फ कल्लू को हत्या, शस्त्र

बल प्रयोग समेत अन्य धाराओं में दोषी करार दिया था। लेकिन अदालत ने उस दिन सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए चार नवम्बर की तिथि नियत की थी। अदालत ने दोनो पक्षों को सुनने के बाद करवरिया बुंधओं समेत चारों अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा के साथ कुल सात लाख 20 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई।

सभी आरोपियों को धारा 302,307,147, और 148 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी है। धारा 302 के तहत एक-एक लाख रूपये जुर्माना, धारा 307 के तहत 50-50 हजार रूपये, धारा 17 के तहत 10-10 हजार और 147 के तहत 20-20 हजार रूपये जुर्माने लगाया।

गौरतलब है कि 13 अगस्त 1996 की शाम सिविल लाइंस में सपा विधायक जवाहर यादव उर्फ पंडित,चालक गुलाब यादव, तथा कमल कुमार दीक्षित राहगीर की एके-47 से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना में पंकज कुमार श्रीवास्तव एवं कल्लन यादव को भी चोटें आई थी।

कल्लन यादव की मृत्यु गवाही शुरू होने से पहले ही हो गई थी। इसलिए उसका बयान दर्ज नहीं किया जा सका।

आरोप पत्र में कपिल मुनि करवरिया ,उदय भान करवरिया, सूरज भान करवरिया, राम चंद्र त्रिपाठी उर्फ कल्लू तथा श्याम नारायण करवरिया का नाम दर्ज किया गया था।

मुकदमे में अभियोजन की ओर से कुल 18 गवाह और बचाव पक्ष की ओर से 156 गवाह पेश किए गये। मामले की सुनवाई 2014 से लगातार चल रही थी।


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