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अपार्टमेंट बिल 2025 पर तेजस्वी सूर्या ने दिए अहम सुझाव, डीके शिवकुमार को लिखा पत्र

बेंगलुरु दक्षिण से भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को पत्र लिखकर प्रस्तावित कर्नाटक अपार्टमेंट (ओनरशिप एंड मैनेजमेंट) बिल 2025 पर विस्तृत सुझाव और सिफारिशें दी हैं

अपार्टमेंट बिल 2025 पर तेजस्वी सूर्या ने दिए अहम सुझाव, डीके शिवकुमार को लिखा पत्र
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बेंगलुरु। बेंगलुरु दक्षिण से भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को पत्र लिखकर प्रस्तावित कर्नाटक अपार्टमेंट (ओनरशिप एंड मैनेजमेंट) बिल 2025 पर विस्तृत सुझाव और सिफारिशें दी हैं। उन्होंने इस विधेयक को लाखों अपार्टमेंट निवासियों के भविष्य से जुड़ा अहम कानून बताते हुए इसे उपभोक्ता हितैषी, पारदर्शी और सख्ती से लागू होने योग्य बनाने पर जोर दिया है।

शनिवार सुबह डीप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने इस बिल को लेकर अपार्टमेंट मालिकों और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों (आरडब्ल्यूएड) के साथ एक परामर्श बैठक बुलाई थी। इसी बैठक के दौरान सांसद तेजस्वी सूर्या ने अपनी लिखित सिफारिशें सरकार को सौंपीं।

तेजस्वी सूर्या ने कहा कि बीते कई वर्षों से वे अपने संसदीय क्षेत्र में घर खरीदारों, अपार्टमेंट एसोसिएशनों और रेरा-पंजीकृत परियोजनाओं से लगातार संवाद कर रहे हैं। इन चर्चाओं में कॉमन एरिया के स्वामित्व के हस्तांतरण को लेकर कानूनी अस्पष्टता की गंभीर समस्या बार-बार सामने आई है। इसके चलते बिल्डरों और निवासियों के बीच विवाद, रजिस्ट्रेशन में देरी और एसोसिएशनों के अधिकारों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

उन्होंने कहा कि कई परियोजनाओं में फ्लैट बिकने और कब्जा मिलने के बाद भी बिल्डर कॉमन एरिया का मालिकाना हक एसोसिएशन को सौंपने में टालमटोल करते हैं। इससे हजारों परिवार बिना स्पष्ट कानूनी अधिकारों के रहने को मजबूर हैं, खासकर नए और बाहरी इलाकों में।

सांसद ने कहा कि नया कानून रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट, 2016) के तहत घर खरीदारों को मिले अधिकारों को जमीन पर उतारे। रेरा साफ कहता है कि कॉमन एरिया एसोसिएशन को सौंपे जाने चाहिए और खरीदारों को भुगतान के बाद अनिश्चितता में नहीं छोड़ा जाना चाहिए।

तेजस्वी सूर्या ने अपार्टमेंट एसोसिएशनों के पंजीकरण को लेकर भी गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वर्तमान में एसोसिएशन बनाने और उन्हें कानूनी मान्यता दिलाने की कोई सरल और स्पष्ट व्यवस्था नहीं है। सहकारिता विभाग भी कई बार अधिकार क्षेत्र की कमी की बात कह चुका है। नए कानून में एसोसिएशन के गठन और पंजीकरण की एक आसान, समयबद्ध और बिल्डर-स्वतंत्र प्रक्रिया तय की जानी चाहिए।

उन्होंने यह भी मांग की कि नए कानून के तहत एक सक्षम और सशक्त प्राधिकरण बनाया जाए, जो कॉमन एरिया, प्रबंधन और स्वामित्व से जुड़े विवादों का त्वरित समाधान कर सके ताकि लोगों को बार-बार अदालतों के चक्कर न लगाने पड़ें।

तेजस्वी सूर्या ने एक अहम सुझाव देते हुए कहा कि फ्लैट बिकने के बाद भी बिल्डरों द्वारा जमीन या कॉमन एरिया को गिरवी रखने के मामले सामने आए हैं, जो घर खरीदारों के लिए बड़ा खतरा है। इसे रोकने के लिए उन्होंने केंद्र सरकार के सीईआरएसएआई (सेंट्रल रजिस्ट्री ऑफ सिक्योरिटाइजेशन एसेट रिकंस्ट्रक्शन एंड सिक्योरिटी इंटरेस्ट ऑफ इंडिया) प्लेटफॉर्म को कानून में शामिल करने की मांग की। उनके अनुसार, किसी भी रजिस्ट्रेशन या हस्तांतरण से पहले सीईआरएसएआई जांच अनिवार्य की जानी चाहिए।

सांसद ने कहा कि रेरा और सीईआरएसएआई जैसे राष्ट्रीय सुधारों के साथ तालमेल बिठाकर ही कर्नाटक का नया अपार्टमेंट कानून पारदर्शी और भरोसेमंद बन सकता है। उन्होंने राज्य सरकार से इन सुझावों को स्वीकार कर बेहतर शहरी शासन और नागरिकों के 'ईज ऑफ लिविंग' को बढ़ावा देने की अपील की।

तेजस्वी सूर्या ने अनुरोध किया कि उनकी सिफारिशों को आधिकारिक रिकॉर्ड में शामिल किया जाए और आगे की चर्चाओं में गंभीरता से विचार किया जाए।


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