इंडिगो की गड़बड़ी सरकार के मोनोपॉली मॉडल का नतीजा : डीके शिवकुमार
भारत में इंडिगो फ्लाइट कैंसिल होने से बड़ी संख्या में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है

फ्लाइट कैंसिलेशन से देशभर में हड़कंप, कर्नाटक उपमुख्यमंत्री ने केंद्र को घेरा
- एविएशन सिस्टम में अव्यवस्था बढ़ी, डीके शिवकुमार ने मोनोपॉली मॉडल को बताया जिम्मेदार
- इंडिगो की गड़बड़ी से एयरपोर्ट अस्त‑व्यस्त, किराया नियंत्रण के लिए सरकार ने जारी किए नए नियम
- हजारों फ्लाइटें रद्द होने से यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं, सरकार और विपक्ष आमने‑सामने
बेंगलुरु। भारत में इंडिगो फ्लाइट कैंसिल होने से बड़ी संख्या में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों की परेशानी कम करने के लिए रेलवे की तरफ से अतिरिक्त कोच की व्यवस्था की जा रही है। इस पूरे मामले को लेकर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार का कहना है कि भारत अपने इतिहास का सबसे बुरा एविएशन संकट देख रहा है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर डी.के. शिवकुमार ने लिखा कि हजारों फ्लाइटें कैंसिल हो गई हैं, जिससे हमारे लोग हर जगह फंस गए हैं। इंडिगो की गड़बड़ी सरकार के मोनोपॉली मॉडल का सीधा नतीजा है और हमेशा की तरह आम भारतीय ही इसकी कीमत चुका रहे हैं।
उन्होंने आगे लिखा कि बेंगलुरु का केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जो भारत का तीसरा सबसे व्यस्त एयरपोर्ट है और जहां हर साल लगभग 40 मिलियन यात्री आते-जाते हैं, पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है। इससे परिवारों, बिजनेस और हमारी राष्ट्रीय प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच रहा है।
उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध करते हुए तुरंत कार्रवाई करने और इस स्थिति को नियंत्रण में लाने की गुजारिश की। उन्होंने लिखा कि हमारे लोग इससे बेहतर के हकदार हैं।
वहीं, इंडिगो की सेवा प्रभावित होने के बाद किराए में बढ़ोतरी को नियंत्रित करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय की तरफ से आदेश जारी किया गया है। इस आदेश में दूरी के हिसाब से अधिकतम किराया सीमा तय कर दी गई है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, अगले आदेश तक 500 किलोमीटर तक के लिए अधिकतम किराया 7,500 रुपए, 500–1000 किलोमीटर तक के लिए 12,000 रुपए, 1000–1500 किलोमीटर तक के लिए 15,000 रुपए और 1500 किलोमीटर से अधिक के लिए 18,000 रुपए लिया जा सकेगा। इसमें यूडीएफ, पीएसएफ और टैक्स शामिल नहीं हैं।
सरकार का यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। सरकार ने कहा है कि यह किराया सीमा तब तक लागू रहेगी, जब तक किरायों में स्थिरता नहीं आ जाती या सरकार आगे समीक्षा नहीं करती। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि यात्री चाहे कंपनी की वेबसाइट से टिकट बुक करें या किसी एजेंट की वेबसाइट से, नियम सभी पर लागू होंगे।


